गंगा का पानी पहुंचेगा गया

लव कुमार मिश्रा

पवित्र नदी गंगा का पानी जल्द ही धार्मिक नगरी गया और बोधगया पहुंचेगा।

बिहार के प्रमुख नितीश कुमार ने शहर में पानी की समस्या खत्म करने के लिए एक नई दिशा की ओर अपने कदम बढा दिए हैं। प्रदेश में नई सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है जिससे बिहार के नागरिकों को जल्द ही पानी की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने घोषणा की है कि गंगा जल कोे गया और बोधगया तक ले जाया जाएगा और इस परियोजना के पहले चरण के लिए उन्होंने निविदाएं भी आमंत्रित कर ली हैं।

सिंचाई विभाग द्वारा आयोजित एक कायर्क्रम के दौरान नीतीश ने 1400 करोड़ रुपये की 30 सिंचाई परियोजनाओं का ऑनलाईन उद्घाटन, शिलान्यास और कार्यरम्भ किया। उन्होंने कहा कि पटना से 100 किलोमीटर दूर मोकामा से गंगा जल को विभिन्न नहर परियोजनाओं के माध्यम से नवादा, राजगीर और गया शहरों के रास्ते बोधगया पहुंचाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि राजगीर, बोधगया और गया पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं, लेकिन ये सभी क्षेत्र पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहें हैं। राजगीर में तालाब सूख गए हैं ,और बोधगया में बहने वाली फल्गु नदी का जल स्तर भी बहुत कम हो गया हैं।

अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय और फिल्म केंद्रों के साथ ही राजगीर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी आकार ले रहा है। राजगीर में राज्य पुलिस प्रशिक्षण केंद्र भी खोला गया है, नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शहर की पानी की समस्या भी जल्द ही खत्म हो जाएगी।

नीतीश ने जानकारी दी कि संबंधित क्षेत्र की योजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वन और पर्यावरण विभाग की मंजूरी भी प्राप्त कर ली गई है, और मोकामा से मानसून के दौरान गंगा जल को संबंधित क्षेत्रों के जलाशयों में पहुंचा कर क्षेत्र की पानी की समस्या खत्म करने का प्रयास किया जाएगा ।

उन्होंने अधिकारियों को परियोजना को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं । परियोजना की समीक्षा करने के लिए नीतीश 29 अगस्त को संबंधित क्षेत्रों का दौरा करने की भी योजना बना रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि नीतीश, जो स्वयं एक इंजीनियरिंग स्नातक हैं।गंगा उत्थान की योजना और डिजाइन उनके स्वयं के द्वारा बनाई गई है क्योंकि वे जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों द्वारा तैयार किए गए डिजाइन से संतुष्ट नहीं थे। इसके साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि बिहार में सभी नदियों को जोड़ने का काम भी जल्द शुरू होगा।

नदियों को आपस मे जोड़ने का कार्य मध्य प्रदेश में भी किया गया है जहां नर्मदा नदी को उज्जैन में शिप्रा नदी से जोड़ा गया है।

नीतीश ने कहा कि मानसून के दौरान, छोटी नदियों में आई बाढ़ का पानी गंगा में और अंत में बंगाल की खाड़ी में चला जाता है। बिहार में नदियों को जोड़ने से सूखे की स्थिति समाप्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का 73 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र हर साल बाढ़ की चपेट में आता है। इस साल भी 16 जिले इसकी चपेट में आए हैं।

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