लव कुमार मिश्रा
पटना, 1 नवंबर
गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को गांधी मैदान विस्फोटों के आरोपित चार आरोपियों को मौत की सजा सुनाई।
अदालत ने दो को उम्रकैद, दो को 10 साल कैद और एक को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। विस्फोट 27 अक्टूबर, 2013 को पटना में भाजपा के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की “हुंकार” रैली के दौरान हुए थे। छह ब्लास्ट रैली स्थल के आसपास हुए, दो बम विस्फोट मंच के 150 मीटर के भीतर फटे जहां से मोदी ने भाषण दिया।
बाद में आयोजन स्थल के पास चार जिंदा बम मिले। विशाल गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 89 घायल हो गए थे।
विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने 27 अक्टूबर को देश की प्रमुख जांच एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच की गई विस्फोटों में शामिल 10 आरोपियों में से नौ को दोषी ठहराया। सजा का ऐलान आज किया गया।
दोषियों में हैदर अली उर्फ ”ब्लैक ब्यूटी”, इम्तियाज अंसारी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, नवाज अंसारी, मोहम्मद इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम शामिल हैं। एक अन्य आरोपी फकरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 2017 में तीन साल की सजा सुनाई थी।
इनमें इम्तियाज अंसारी, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मुजीबुल्लाह अंसारी और नूनन अंसारी को मौत की सजा सुनाई गई।
आरोपियों में से नौ इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सदस्य थे और एक स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था।