भारत-रूस सम्बन्ध पर अमेरिका को ‘उकसाने’ में लगा चीन

बढ़ते कदम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पुतिन

आर कृष्णा दास

चीन भारत-रूस की बढ़ती नजदीकियों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और अमेरिका को उकसाने की कोशिश में लगा है ताकि वह भारत पर प्रतिबंध अधिनियम (सीएएटीएसए) के तहत कार्यवाही कर सके।

चीन की रणनीति है वह भारत और अमेरिका के बीच फूट डाल अपने आप को सुरक्षित कर ले।  

भारत अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की डिलीवरी ले लिया है। चीन इसे भुनाना चाहता है और अमेरिका को भारत के खिलाफ कार्रवाई करने और रूस के साथ हथियारों के सौदे के कारण प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा है।

चीन के सरकारी अखबार में एक रिपोर्ट छपी है जिसमें कहा गया था कि रूस के साथ भारत का मजबूत रक्षा सहयोग और उसकी एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद अमेरिका के विरोध के बाद हुए है।  अमेरिका अपने सहयोगियों को काउंटरिंग अमेरिका के तहत संभावित प्रतिबंधों से बचने के लिए रूसी सैन्य उपकरणों से दूर रहने के लिए कहता आ रहा है।

चीन ने बाकायदा उदाहरण देते हुए बताया की प्रतिबंध अधिनियम (सीएएटीएसए) के तहत S-400 की खरीद पर अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया था।

व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और नई दिल्ली में आयोजित भारत-रूस शिखर सम्मेलन 2021 पर चीनी विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका इससे सबसे अधिक चिंतित है क्योंकि उसे अब भारत पर कार्यवाही करने में दुविधा का सामना करना पड़ेगा। चीन का मानना है कि यदि अमेरिका कार्यवाही नहीं करता और ढुलमुल रवैया अपनाता है तो वह अपने अन्य सहयोगियों का विश्वास खो देगा और उनकी अपनी विश्वसनीयता पर ऊँगली उठने लगेंगी। चीनी विश्लेषकों ने कहा कि यह सौदा भारत की अमेरिका समर्थक नीति पर बढ़ती अनिश्चितता और भ्रम को भी दर्शाता है।

विदेश मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार चीन की प्रतिक्रिया रणनीतिक है क्योंकि वह अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच दरार पैदा करना चाहता है। अमेरिका चीन के लिए एक बड़ा खतरा है और वह इस बात से पूरी तरह अवगत है कि अमेरिका को उसके खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए भारत के समर्थन की आवश्यकता होगी।

बीजिंग भारत और अमेरिका को एक नए विवाद में घसीट कर एक अच्छा दांव खेलने की कोशिश कर रहा है।  

वास्तव में, वह चीन है जो भारत के लिए पुतिन के “स्नेह” को लेकर अधिक चिंतित है। महामारी के बाद अपनी दूसरी विदेश यात्रा के लिए पुतिन ने भारत ऑफ़ चुना और सोमवार दोपहर नई दिल्ली पहुंचे।

चीन ने यह भी कहा कि रूसी हथियार प्रणाली भारत को सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन का मुकाबला करने में मदद नहीं कर सकती है। एक चीनी सैन्य टिप्पणीकार ने कहा कि चीन लंबे समय से एस -400 मिसाइल सिस्टम का उपयोग कर रहा है और इसकी क्षमताओं से परिचित है और भारत के खरीदे गए एस -400 से उत्पन्न खतरे को बेअसर करने में सक्षम है।

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