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कोच्ची, जनवरी 26
केरल के एक मंत्री ने बुधवार को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उल्टा राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया और सारा दोष अधिकारियों पर मढ़ दिया।
यह घटना उस समय हुई जब वाम सरकार में बंदरगाह और पुरातत्व विभाग संभालने वाले मंत्री अहमद देवरकोविल ने आज सुबह यहां म्यूनिसिपल स्टेडियम में झंडा फहराया। बाद में मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी ओर से कोई चूक नहीं हुई है और संबंधित अधिकारियों द्वारा रस्सी थमाते ही उन्होंने झंडा फहराया।
मंत्री के पास शायद इस बात का जवाब नहीं होगा कि क्या उन्होंने झंडा फहराते समय ऊपर नहीं देखा जो साधारणता होता है। उन्हें शायद मालूम नहीं होगा झंडा सीधे कैसे होता है ? दिलचस्प बात यह है कि इस मौके पर मौजूद मंत्री, जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों और अन्य गणमान्य लोगों समेत किसी ने भी इस चूक पर ध्यान नहीं दिया।
ध्वजारोहण के बाद मंत्री ने उसे सलामी दी और अपने भाषण के साथ आगे बढ़े, जिसके बीच कार्यक्रम को कवर करने के लिए वहां मौजूद कुछ मीडियाकर्मियों ने गलती की ओर इशारा किया। फिर मंत्री जी वापस आए, झण्डा नीचे किया और सही ढंग से फिर से फहराया।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला पुलिस प्रमुख और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को घटना की व्यापक जांच करने के लिए कहा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उनके ध्वजारोहण के लिए आने से पहले अधिकारियों को ट्रायल रन करना चाहिए था। जहां तक मंत्रियों का सवाल है, हम प्रोटोकॉल के अनुसार निर्धारित समय पर ही जा सकते हैं और झंडा फहरा सकते हैं। निश्चित कार्रवाई होगी। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच जारी है।
जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी भाजपा ने तिरंगे के प्रति अनादर दिखाने के लिए उनके इस्तीफे की मांग की है।