डीपीएस रायपुर का अजब फरमान, अभिभावकों के लिए बंद किया मुख्य द्वार

पीछे के द्वार से बच्चों को ले जाते अभिभावक

न्यूज़ रिवेटिंग

रायपुर, अप्रैल 17

छत्तीसगढ़ की राजधानी के प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) ने एक अजीब फरमान जारी किया है जिसके तहत अभिभावकों अपने बच्चों को मुख्य द्वार से न तो छोड़ सकते है न ही ले जा सकते है।  

अभिभावकों के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने मनमानी करते हुआ एक तरफा निर्णय लिया और निजी वाहन से स्कूल आने वाले बच्चों को स्कूल के प्रमुख द्वार से अंदर आने पर रोक लगा दी।  अब ना ही अभिभावक अपने बच्चों को प्रमुख द्वार से अंदर ला सकते हैं और न ही निकाल सकते है।

उनके लिए पीछे एक दरवाजा बनाया गया है जोकि वन विभाग के द्वारा निर्मित वन विभाग की मुरूम वाली सड़क से होकर जाता है जिससे कि धूल भरे रास्तों से चलकर बच्चों को और अभिभावकों को स्कूल तक पहुंचना पड़ता है। अभिभावकों ने एक पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई पहल नहीं किया गया।

न्यूज़ रिवेटिंग का डीपीएस रायपुर प्रबंधन से उनका पक्ष जानने संपर्क नहीं हो पाया।  

अभिभावकों ने पत्र में लिखा है नई व्यवस्था से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्हें खांसी वर्षा संबंधी अन्य तकलीफ होने लगी है विशेषकर उन बच्चों को जो कि मोटरसाइकिल या बाइक से स्कूल आते जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को धूप में लाइन बनाकर खड़ा कर दिया जाता है जो की बढ़ती हुई गर्मी में कदापि उचित नहीं है

बरसात के दिनों में भी समस्या बनी रहेगी साथ ही अभिभावकों को स्कूल के बाहर अपने बच्चों के आने का इंतजार करना पड़ता है। धूप में खड़े रहने से अत्यधिक तकलीफों का सामना उन्हें करना पड़ता है क्योंकि वहां ना तो कोई छायादार स्थान है। फल स्वरूप भरी धूप में और बरसात के दिनों में उन्हें स्कूल के बाहर खड़े रहने को विवश होना पड़ता है।

स्कूल प्रशासन से अभिभावकों द्वारा कई बार निवेदन करने पर उन्होंने स्पष्ट इनकार कर दिया है जबकि रायपुर शहर के अन्य स्कूलों तथा डीपीएस स्कूल बिलासपुर आदि में इस प्रकार की समस्या नहीं है।

अभिभावकों की मांग है कि शासन इस विषय पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दे और बच्चों व अभिभावकों के स्वास्थ्य पर होने वाली तकलीफ के निदान हेतु स्कूल प्रशासन को उचित निर्देश दे ताकि बच्चों को वह उनके साथ आने वाले अभिभावकों को सम्मानजनक व स्वास्थ्य जनक स्कूल में आना हो सके।

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