कोच्चि की एक विशेष अदालत ने केरल के निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत अवधि छह और दिन बढ़ा दी।
ईडी ने खुलासा करते हुए कहा कि शिवशंकर ने विवादित सोने की तस्करी मामले की प्रमुख आरोपी स्वपना सुरेश के साथ राज्य सरकार की कुछ प्रमुख परियोजनाओं के बारे में कई गोपनीय जानकारी साझा की थी।
ईडी ने सोने की तस्करी के मामले में अर्थशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत अपनी जांच शुरू की थी,और इसी जांच प्रक्रिया के दौरान शिवशंकर का नाम सामने आया था। 28 सितंबर को मामले के पांचवें आरोपी के रूप में शिवशंकर को गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को उनकी सात दिन की हिरासत समाप्त होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
जांच एजेंसी ने सात और दिनों की हिरासत की मांग की है क्योंकि आईएएस अधिकारी ने कथित तौर पर कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अभी नहीं दिए है।अदालत ने एजेंसी को छह दिन की मोहलत और दी है।
अदालत में ईडी ने अपनी दलील में कहा कि निलंबित आई ए एस अधिकारी ने राज्य सरकार की पूरे राज्य के लोगों के लिए चलाई जा रही मुफ्त इंटरनेट परियोजना केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (के-फॉन) और जीवन मिशन आवास परियोजना के बारे में गोपनीय जानकारियां स्वपना सुरेश के साथ साझा की थी।
ईडी ने अदालत को बताया, “जिस तरह से शिवशंकर सरकारी परियोजनाओं से संबंधित गोपनीय जानकारी साझा कर रहे थे, वह बताता है कि वे एक बहुत बड़ी सौदेबाजी में शामिल हैं।”
इसमें कहा गया कि शिवशंकर और स्वप्ना सुरेश के बीच हुई व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि अप्रैल 2019 में शिवशंकर ने आरोपियों के लिए हवाई अड्डे से संदिग्ध सामान को निकलवाने में मदद की थी। लेकिन आरोपी के बयान के अनुसार, जुलाई 2019 से सोने की तस्करी शुरू की थी। ईडी ने अपनी दलील में कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अप्रैल की खेप में भी सोने की तस्करी हुई हो या कोई नमूना लाया गया हो ।
इस बीच, अदालत 11 नवंबर को शिवशंकर की जमानत याचिका पर विचार करेगी। कोर्ट 9 नवंबर को सीमा शुल्क विभाग द्वारा खालिद को सोने की तस्करी के मामले में आरोपी के रूप में नामित करने की एक याचिका पर भी विचार करेगी।