बारात, बुलेट और बिहार

लव कुमार मिश्रा

पटना, दिसंबर 14

शादियों के दौरान गोली चलाकर जश्न मनाने की घटनाओं ने पिछले एक सप्ताह में बिहार के विभिन्न हिस्सों में एक दर्जन लोगों की जान ले ली।

महीने भर चलने वाला शादी का मौसम सोमवार को कुछ दिनों के लिए थम गया। जश्न के दौरान होने वाली गोलीबाजी में मरने वाले ज्यादातर पीड़ित डांस-ऑर्केस्ट्रा पार्टियों के सदस्य या बारात में शामिल लोग होते हैं।

आरा से 60 किमी दूर दो अलग-अलग विवाह समारोहों में देर रात दो घटनाएं हुईं। चंदा गाँव में, 19 साल के मुन्ना राम, संजीवन राम के बेटे की मौत हो गई , जब जयमाला कार्यक्रम के दौरान दूल्हा दुल्हन एक दूसरे को माला पहना रहे थे। दूल्हे पक्ष के एक सदस्य ने जश्न के दौरान बेसुध होकर गोलियां चलाई जिससे गांव में रहने वाले मुन्ना राम की मौके पर ही मौत हो गई।

इसी प्रकार भोजपुर जिले के चारपोखरी थाना अंतर्गत पड़रिया गाँव में, निकेश कुमार सिंह (25) की हत्या उस समय हुई जब बारात पक्ष के सदस्य जो भभुआ से आए थे, बेसुध होकर गोलीबाजी कर रहे थे। दुल्हन के पिता हरगोविंद सिंह ने इस प्रकार जश्न मनाने पर आपत्ति जताई लेकिन बारातियों ने उनकी एक न सुनी। बारात में शामिल ज्यादातर लोग नशे में थे जबकि बिहार में शराब प्रतिबन्धित है।

पटना स्थित एक प्रीमियर कॉलेज के प्रिंसिपल की बेटी की शादी में, बारातियों ने तब तक हवा में फायरिंग की, जब तक कि तंबू पूरी तरह फट नही गया, गनीमत ये रही कि किसी को चोट नहीं पहुंची।

इस मामले में पीरो के डिप्टी एसपी, अशोक कुमार आजाद ने कहा कि पुलिस ने दूल्हे के पिता विश्वनाथ सिंह और दूल्हे के भाई सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। फायरिंग में इस्तेमाल की गई राइफल को जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने बारात पक्ष के 40 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

पिछले हफ्ते, भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा में जश्न के दौरान गोलीबारी में एक 12 वर्षीय बच्चे की भी मौत हुई थी।

कल रात भागलपुर में भी जश्न में गोलीबारी के दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई थी। दुल्हन के पिता ने दूल्हे के रिश्तेदारों से अनुरोध किया था कि वे बंदूकों का प्रयोग न करें, लेकिन उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया गया।

उत्तर बिहार के बेगूसराय शहर से 150 किलोमीटर दूर, एक 14 साल का बच्चा जो बारात को सिर्फ दूर से देख रहा था गोलीबारी का शिकार हो गया, जब बारात पार्टी के सदस्यों ने गोलीबारी शुरू की।

पश्चिम चंपारण के बगहा में, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) के डांस पार्टी की एक युवा सदस्य की बारातियों द्वारा हत्या कर दी गई। भभुआ में भी ऑर्केस्ट्रा और ग्रामीण डांस पार्टी के सदस्यों को बारात पार्टी के क्रोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी धुन पर नाचने के लिए उन्हें मजबूर किया था। इस गोलीबारी में, उनकी डांस पार्टी की एक सदस्य को मार दिया गया था।

सहरसा जिले के सोनबरसा थाना अंतर्गत विगरपुर में एक महिला डांसर मधु की भी हत्या कर दी गई वह भी जश्न की गोलीबारी का शिकार हुई थी।

दुल्हन के साथ माला के आदान-प्रदान के कुछ ही मिनटों में, दूल्हा सत्येंद्र कुमार शाहपुर में उत्सव की गोलीबारी का शिकार हो गया क्योंकि बारात के किसी व्यक्ति ने शादी का जश्न मनाने के लिए गोलीबारी की।

शनिवार को, एक वकील, मेहर अनवर की मौत हो गई थी, जब उसने यहां से 30 किलोमीटर दूर दनियावन में शादी के जश्न के दौरान महिला डांसरों को छेड़ने पर आपत्ति जताई थी। वह मसौढ़ी सिविल कोर्ट में वकील थे। उनके बेटे की शादी पार्टी नालंदा जिले से सटे एकंगरसराय में हुई थी। रात के दौरान, एक नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। स्थानीय युवकों के एक समूह ने महिला नर्तकियों को छेड़ना शुरू कर दिया, जिसका विरोध वकील और दूल्हे के पिता ने किया था।

जब वे वापस लौट रहे थे तब बाराती पक्ष के सदस्यों ने उनका पीछा किया और दाइयाँ में दूल्हे के पिता पर हमला किया और उसे मार डाला। बारात पार्टी के पांच अन्य सदस्यों के साथ भी मारपीट की गई।

इसी तरह, जश्न मनाने की घटनाओं की वजह से होने वाली मौतों की घटनाएं समस्तीपुर, नालंदा, फतुहा, छपरा और सहरसा में भी हुई हैं।

9 दिसंबर, 2019 को आर्म्स एक्ट में संशोधन के माध्यम से, किसी भी सामाजिक या सार्वजनिक समारोह में जश्न के दौरान गोलीबाजी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसा होने पर दो साल की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने या दोनों के रूप में दंडनीय अपराध का प्रावधान है। राज्य सरकार ने भी इसे प्रतिबंधित करते हुए अधिसूचना जारी की थी।

बिहार के ग्रामीण इलाकों में शादी की पार्टियों के दौरान ज्यादातर महिलाओं को नर्तकियों के रूप में नाचते हुए देखा जा सकता है।

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