पटना, दिसंबर 23
पटना उच्च न्यायलय की अधिवक्ता और एडवोकेट एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव श्रीमती छाया मिश्र ने कदाचार और अनाचार के आरोपों में सेवा से बर्खास्त किए गए बिहार के तीन न्यायिक अधिकारियों को तत्काल गिरफ़्तार कर अपराधिक प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
सोमवार को बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी कर एक जिला प्रधान न्यायाधीश, एक अपर सत्र न्यायाधीश और एक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया। आदेश में कहा गया है कि वे किसी भी प्रकार की सुविधा के हकदार नहीं होंग।
नेपाल पुलिस ने बिहार के निचली अदालत के तीन न्यायाधीशों को २६ जनवरी, २०१३ को विराटनगर (नेपाल) में महिलाओं के साथ एक होटल में रंगरेलिया मनाते पकड़ा था। इन न्यायधीशों के आचरण की जांच कई एजेंसी और अधिकारियों द्वारा की गयी उनमे पूर्णिया के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश,पटना उच्च न्यायालय के पांच जज, बाद में पूरे खंड शामिल है।
सभी स्तरों पर जांच में आरोप प्रमाणित होने के बाद उच्च न्यायालय ने इन्हे बर्खास्त करने का निर्णय लिए, जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही पाया।
श्रीमती छाया मिश्र ने कहा ही आरोपित न्यायिक अधिकारियों ने पद की गरिमा का ख्याल नहीं रखा और पड़ोसी देश में भारत की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया। अपने बचाव के लिए उन्होंने पद का दुरूपयोग करते हुआ दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की जो अपराध की श्रेणी में आता है।
“माननीय उच्च न्यायलय से निवेदन है तीनो बर्खास्त न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ भारतीय कानून की समन्यक धाराओं जिसमे ४६७, ४६८, ४२० भी शामिल है के तहत मुकदमा चलाया जाए और तुरंत गिरफ्तार किया जाए,” श्रीमती छाया मिश्र ने कहा।