टीम न्यूज़ रिवेटिंग
भोपाल, जनवरी ६
एवियन इन्फ्लुएंजा (एआई) वायरस मध्य प्रदेश के तीन जिलों में फैल गया है वही राज्य सरकार समस्या से निपटना के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है।
आईसीएआर-एनआईएचएसएडी से संक्रमित नमूनों की पुष्टि के बाद, एआई का निम्नलिखित राज्यों (12 महामारी केंद्रों) में पता चला है – राजस्थान (कौवा) – बारां, कोटा, झालावाड , मध्य प्रदेश (कौवा) – मंदसौर, इंदौर, मालवा , हिमाचल प्रदेश (प्रवासी पक्षी) – कांगड़ा और केरल (पोल्ट्री-बतख) – कोट्टायम, अल्लपुझा (4 महामारी केन्द्र।
तदनुसार, 01 जनवरी 2021 को राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्यों को एक-एक सलाह जारी की गई है, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एवियन इन्फ्लुएंजा की राष्ट्रीय कार्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार नियंत्रण उपाय शुरू किए गए हैं। दूसरा परामर्श 5 जनवरी, 2021 को हिमाचल प्रदेश को जारी किया गया। इसमें राज्य को पोल्ट्री की बीमारी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, केरल ने पहले ही महामारी केन्द्रों पर 05 जनवरी 2012 से नियंत्रण और रोकथाम अभियान शुरू कर दिये हैं। कुल्लिंग प्रक्रिया चल रही है।
पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने भी नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सकें और राज्य अधिकारियों द्वारा किए गए निवारक और नियंत्रण उपायों के आधार पर दैनिक स्थिति का पता लगाया जा सके।
एवियन इन्फ्लुएंजा के बारे में कार्य योजना के अनुसार प्रभावित राज्यों को इस बीमारी पर नियंत्रण और इसके प्रसार को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में सुझाव दिए गए है। इस सुझावों में पोल्ट्री फार्मों की जैव सुरक्षा को मजबूत बनाना, प्रभावित क्षेत्रों का कीटाणुशोधन करना, मृत पक्षियों के शवों का उचित निपटान, बीमारी की पुष्टि और आगे निगरानी के लिए समय पर नमूने लेना और उन्हें परीक्षण के लिए भेजना। संक्रमित पक्षियों से पोल्ट्री और मनुष्यों में बीमारी के प्रसार की रोकथाम के लिए सामान्य दिशा-निर्देशों के साथ-साथ निगरानी योजनाओं को सघन रूप से लागू करना शामिल है।
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे पक्षियों की असामान्य मौत के बारे में रिपोर्ट के लिए वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करें। अन्य राज्यों से भी पक्षियों की असामान्य मौत के बारे में सतर्कता बरतने और आवश्यक उपाय करने के लिए तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है।
एवियन इन्फ्लुएंजा (एआई) वायरस सदियों से पूरी दुनिया में मौजूद है। पिछली शताब्दी में इसके चार बड़े प्रकोप दर्ज हुए हैं। भारत में एवियन इन्फ्लुएंजा का पहला प्रकोप 2006 में अधिसूचित किया गया था। भारत में मनुष्यों में अभी तक इसके संक्रमण का पता नहीं चला है।
वर्ष 2020 में एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप पर नियंत्रण पूरा होने के बाद पोस्ट ऑपरेशन सर्विलांस प्लान (पीओएसपी) का अनुपालन करते हुए 30 सितम्बर, 2020 से देश को एआई से मुक्त होने की घोषणा की गई थी।