आर कृष्णा दास
वैक्सीन कूटनीति में भारत से मात खाने के बाद चीन अपने कोरोना वैक्सीन को श्रेष्ठ और लोकप्रिय साबित करने के लिए भारतीय समुदाय का टीकाकरण कर रहा।
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक समाचार बड़ी प्रमुखता के साथ छापा है जिसमे यह बताने का प्रयास किया गया है कि चीन में रह रहे भारतीयों के बीच उनका वैक्सीन काफी लोकप्रिय है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय वैक्सीन के प्रति भारत में लोग उत्साहित नहीं है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारतीय समुदाय बढ़चढ़ कर टीका लगवा रहा है जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अफवाहें उड़ाई जा रही है की चीनी वैक्सीन स्तरहीन है। हाल के हफ्तों में फ्रंट-लाइन चीनी शहरों में कई भारतीयों को टीका लगाया गया है।
शंघाई में होटल में कार्य कर रहे भारतीयों को टीकाकरण करने के लिए प्राथमिकता वाले समूहों में रखा गया है। कई भारतीय रेस्तरां कर्मचारियों ने शॉट्स प्राप्त किए है। रिपोर्ट ने एक रेस्तरां में काम करने वाले केरल के मूल निवासी के हवाले से कहा कि “हम सभी भारतीय कर्मचारियों को स्वेच्छा से टीका लगाया जा रहा है। “
भारतीयों को लगाया जा रहा टीका प्रक्रिया से अलग है क्यूंकि वर्तमान में चीन में आधिकारिक टीकाकरण पंजीकरण अभी अधिकांश हिस्सों में चालू नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ क्षेत्रीय प्रशासन स्वास्थ्य, शिक्षा, खानपान और रसद सहित उच्च जोखिम वाले उद्योगों में लगे स्थानीय विदेशियों को प्राथमिकता दे रहा है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारतीय चीन के टीकों पर भरोसा कर रहे हैं और चीन में एक खुराक प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं।
भारतीयों के कंधे में बन्दुक रख कर चीन दुनिया को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों में उनके द्वारा निर्मित वैक्सीन कितनी प्रभावी और सुरक्षित है । इसके अलावा, चीन भारतीय टीके की सफलता से चिंतित है और अपनी असफलता को छुपाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
इसके लिए वह भारत को बदनाम करने कि कोशिश में भी लगा है। अख़बार ने तेलंगाना के एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को उद्धृत किया और उसके हवाले से कहा कि भारत में निर्मित कोवाक्सिन में लोगो की दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि कोवाक्सिन लेने कम लोग आ रहे है।
दरअसल चीन भारत की सफल वैक्सीन कूटनीति से काफी चिंतित और परेशान है। भारत ने दक्षिण एशियाई देशों खासकर भूटान, नेपाल और बांग्लादेश सहित अपने पड़ोसी देशों में चीन को मात दे दी है। इन देशो ने चीनी वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया है जबकि अपनी पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के लिए वे टीकाकरण करने के लिए उत्साहित हैं। वे नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर आस लगाए हुआ थे।
भारत ने उन्हें निराश नहीं किया। बताया जा रहा है कि अगले तीन से चार सप्ताह में भारत अपने पड़ोसियों को 12 मिलियन से 20 मिलियन शॉट्स देने जा रहा है।