दिल्ली उपद्रव में नहीं था भाजपा का हाथ, अमरिंदर सिंह ने किया सिद्ध!

टीम न्यूज़ रिवेटिंग

क्या इस बात की कल्पना की जा सकती है कि एक कांग्रेसी मुख्यमंत्री भाजपा के किसी कार्यकर्ता या समर्थक को कानूनी मदद कर सकते है वह भी दंगे या अन्य आपराधिक मामलो में ?

यदि नहीं तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्ध कर दिया कि भाजपा के समर्थको या कार्यकर्ताओ का दिल्ली और लाल किले में २६ जनवरी को हुई शर्मनाक हिंसा में कोई योगदान नहीं था। क्यूंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगो को कानूनी मदद देने जा रहा है।

किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी को लाल किले में असामाजिक तत्वों और तथाकथित किसानों ने जो अराजकता मचाई है उसको देखते हुए देश की मोदी सरकार के गृहमंत्री अमित शाह इनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई के साथ ही लोगों की पहचान करके उनकी गिरफ्तारी भी कर रही है।

इन सभी लोगों पर कार्रवाई होने पर कांग्रेस नेता और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन सभी आरोपियों का बचाव करने की ठानी है जो साबित करता है कि इस पूरे आंदोलन में पंजाब के सीएम और कांग्रेस की एक बड़ी भूमिका है।

देश की संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों के मुद्दों पर देश में कहीं कोई आंदोलन नहीं हो रहा, सिवाय पंजाब और हरियाणा के। इस मुद्दे पंजाब मुख्य विरोध का गढ़ बन गया है। 26 जनवरी को पंजाब हरियाणा के इन्हीं तथाकथित किसानों ने दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं के साथ ही देश की शान कहे जाने वाले लाल किले पर निशान साहब का धार्मिक झंडा लहरा दिया।

इस मुद्दे पर देश में खूब विरोध हुआ जिसके बाद अब केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। तथाकथित किसानों पर हो रही कार्रवाई पर अब उनको अपना पूर्ण समर्थन देने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं।

एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार ने दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मामलों के खिलाफ किसानों को त्वरित कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में 70 वकीलों की एक टीम तैयार की है। मैं व्यक्तिगत रूप से लापता किसानों के मुद्दे को गृह मंत्रालय के साथ उठाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि ये व्यक्ति सुरक्षित घर पहुंचें। सहायता के लिए 112 पर कॉल करके संपर्क करें।”

दिलचस्प है कि पंजाब सरकार उन अराजकतावादियों को बचाने के लिए वकीलों की फौज खड़ी कर रही है। और इनकी फीस करदाताओं के पैसो से दिया जायेगा।

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