टीकाकरण की नीति में बदलाव की जरुरत

शीना कृष्णा दास

कोरोना की लहर को रोकना है तो हमे टीकाकरण की नीति में बदलाव की जरुरत है। इंग्लैंड व अमेरिका में वैक्सीन के वयापक प्रयोग के बाद मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है।

वहीं भारत में रोज़ाना कोरोना मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वैक्सीन नीति में बदलाव की जरुरत है। सरकार ने पूरे देश में १६ जनवरी से टीकाकरण प्रारंम्ब किया, जिसमें पहले स्वास्थ्कर्मी और कोरोना योद्धाओं को फिर बुजुर्गो व गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगो को वैक्सीन देना शुरू किया गया।

टीकाकरण की रफ़्तार भारत में अपेक्षाकृत कम है। लोगो की उदासीनता की वजह से कई जगह वैक्सीन एक्सपायरी डेट तक पहुँच रहा है, तो कई राज्यों में वैक्सीन की कमी हो रही है जैसा की छत्तीसगढ़ में मात्र ढाई दिन का वैक्सीन शेष है। सरकार को सुनिचित करना होगा कही भी वैक्सीन की कमी न हो।

अभी कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं साथ में कोरोना संक्रमण भी बढ़ेगा। अतः सरकार को इन राज्यों में टीकाकरण सबके लिए अनिवार्य कर देना चाहिए ,जल्द ही आयु सीमा की बंदिश हटा देना चाहिए । सरकार को प्रचार प्रसार के माध्यम से टीककरण की सही जानकारी जन जन तक पहुंचानी चाहिए जिससे लोगों की भ्रांतिया व टीकाकरण के प्रति उदासीनता दूर हो। साथ ही सरकार को ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों व स्वास्थकर्मियो को इस अभियान में जोड़ना होगा।

समाज के हर वर्ग तक वैक्सीन पहुंचे ये सुनियश्चित करना होगा। साथ ही हमें भी सरकार का साथ देते हुए टीकाकरण अभियान को सफल बनाते हुए कोरोना को मात देना है।

(यह लेखिका एक अपने विचार है)

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