बंगाल में, कौन गुंडों को सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के लिए उकसा सकता है?

न्यूज़ रिवेटिंग

कोलकाता, 11 अप्रैल

अगर शनिवार को कूच बिहार के सीतलकुची में सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ंत के दौरान गुंडे बमों से लैस थे, तो किसी को भी इस बात पर संदेह नहीं होना चाहिए जिसने उन्हें उकसाया?

जब से पश्चिम-बंगाल में अर्द्धसैनिक बल स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तैनात किये गए तब से केवल एक राजनीतिक दल ही इसका व्यापक विरोध कर रहा था । इस परिस्तिथि में जब गुंडों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और हथियारों को लूटने की कोशिश की, तो यह स्पष्ट था कि यह किसके आदेश पर किया जा सकता है। आखिरकार, सशस्त्र सुरक्षा व्यक्ति की बंदूकों को लूटने का प्रयास कोई बचकानी हरकत नहीं है!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि लोगों को केंद्रीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए उकसाया गया जिससे शनिवार को कूचबिहार के शीतलकुची में झड़प हुई।

ममता बनर्जी ने लोगों से घेराव करने के लिए कहा और लोगों को शीतलकुची में सीआइएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) पर हमला करने के लिए उकसाया। अब हत्याओं का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है, ”शाह ने रविवार को शांतिपुर में एक रैली में कहा। उन्होंने कहा, “मैं बंगाल के लोगों से लोकतंत्र के त्योहार को शेष चरणों में शांतिपूर्वक मनाने का अनुरोध करता हूं।”

इस बीच, ममता बनर्जी तकनीकी रिपोर्टों के साथ सामने आईं और सुरक्षाकर्मियों की जवाबी कार्रवाई को ” नरसंहार ” करार दिया, जिसमें दावा किया गया कि पीड़ितों को “शरीर के ऊपरी हिस्से में – छाती और गर्दन पर गोलियों दागी गयी “।

यह दावा करते हुए कि उसने सिलीगुड़ी से वीडोकॉल पर पीड़ितों के परिवारों के साथ बात की, ममता ने एक पीड़ित मंजुल मियां के एक रिश्तेदार मंजूर मियां को उद्धृत किया। लेकिन वह कथित तौर पर दूसरों का नाम लेने में विफल रही। पीड़ितों में से एक भाजपा कार्यकर्ता था।

पश्चिम बंगाल के शीतलकुची में चौथे चरण के मतदान के दौरान भाजपा के एक कार्यकर्ता आनंद बर्मन की हत्या कर दी गई। तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि चुनाव में हुई हत्याओं के पीछे भाजपा जिम्मेदार है किन्तु भाजपा ने कहा कि आनंद सितलकुची विधानसभा में पथनतुली क्षेत्र के बूथ नंबर 85 का पार्टी का पोलिंग एजेंट था। रिपोर्ट्स के अनुसार बूथ के बाहर ही उसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई।

‘जन की बात’ के संस्थापक प्रदीप भण्डारी ने इस घटना पर एक प्रत्यक्षदर्शी का बयान शेयर किया है। इसमें प्रत्यक्षदर्शी यह बता रहा है कि जब आनंद बर्मन की हत्या हुई, तब वह वोट डालने के लिए लाइन में खड़ा था।

वीडियो में प्रत्यक्षदर्शी कहता है, “आनंद वोट डालने गया था, तब वो लोग बम लेकर आए। उन्हें देखकर आनंद डर गया और घर लौटते समय उसकी हत्या कर दी गई।“ प्रत्यक्षदर्शी ने यह भी बताया कि आनंद की उनसे कोई दुश्मनी भी नहीं थी। हत्या का एक मात्र कारण था कि आनंद भाजपा के लिए काम करता था, जबकि दूसरे लोग तृणमूल कॉन्ग्रेस के लिए।

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