पश्चिम बंगाल में उपचुनाव की ‘लड़ाई’

न्यूज़ रिवेटिंग

कोलकाता, 30 अगस्त

भाजपा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को टक्कर देने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है और प्रयास कर रही है कि राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में विलंब हो।

COVID-19 और अगले कुछ महीनों में संभावित तीसरी लहर का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा ने सात निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा उपचुनाव में देरी करने के लिए सभी प्रयास रही है। चुनाव स्थगित करवाकर भाजपा ममता बनर्जी से मुकाबला करने के लिए एक नई रणनीति तैयार कर रही है जिन्होंने मई के राज्य चुनावों में भगवा पार्टी को एक बड़ा झटका दिया था।

ममता विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा सीट से भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से हार गई थीं, जिसकी मतगणना 2 मई को हुई थी। उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और राज्य विधानसभा का सदस्य नहीं होने के बावजूद उन्होंने 5 मई को शपथ ली थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, उन्हें छह महीने के भीतर सदन में निर्वाचित होना है और ऐसा न करने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। समय 5 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

पश्चिम बंगाल भाजपा राज्य में विधानसभा उपचुनाव का कड़ा विरोध कर रही है और चाहती है कि इसमें देरी हो। राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष इस बात पर जोर दे रहे थे कि बंगाल में 122 नगर पालिकाओं में चुनाव पहले हो और इसके बाद ही विधानसभा उपचुनाव होना चाहिए।

टीएमसी का मानना है कि चुनाव आयोग जिन पर राज्य के चुनावों के दौरान ममता बनर्जी ने तीखे हमले किये थे, उपचुनाव में देरी करने की हिम्मत करेगा। लेकिन फिर भी, उसने भाजपा की रणनीति का मुकाबला करने की योजना बना ली है।

यदि भाजपा अपनी रणनीति में सफल रही तो टीएमसी ने ममता के लिए सहानुभूति कार्ड खेलने की योजना बनाई है और तृणमूल प्रमुख को “टारगेट” करने के खिलाफ एक बार के लिए पोल पैनल और केंद्र के ऊपर गहरा प्रहार करेगी।

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