जेपी विश्वविद्यालय के पीजी सिलेबस में जेपी की पढाई फिर शुरू होगी

लव कुमार मिश्र

पटना, सितम्बर ३

जयप्रकाश नारायण के नाम पर आज से ३१ साल पूर्व  पटना से ८० किलोमीटर दूर छपरा में स्थापित जय प्रकाश विश्वविद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से जय प्रकाश नारायण के बारे में पढ़ाई होना शुरू हो सकेगी।

विश्वविद्यालय की कुलपति ने बताया की राज भवन के विशेषज्ञों की समिति ने जल्दबाजी में २०१८-२०२० के स्नातकोत्तर  सत्र में राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से जय प्रकाश नारायण का नाम ही हटा दिया था।

शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्रों में नारायण के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में उन्हीं के नाम पर पिछले ३० वर्षो से चलाया जा रहा  पाठ्यक्रम हाटने को लेकर काफी विवाद होने के बाद , कुलपति ने आश्वासन दिया है की जेपी पर आधारित पाठ्यक्रम अगले सत्र से शामिल कर लिया जायेगा।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और छपरा लोक सभा क्षेत्र के संसद रहे लालू प्रसाद यादव ने जेपी के पाठ्यक्रम को हटाने का विरोध किया था और एक ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया था की पटना राज्य भवन में संघी मानसिकता के लोग बैठे हैं और इन्ही लोगो ने जय प्रकाश नारायण का नाम सिलबस से हटा कर दीनदयाल उपाध्याय पर पाठ्यक्रम शुरू करवाया।

राज्य भवन के सूत्रों ने बताया की श्री लाल जी टंडन जब राज्यपाल थे तब उसी वक़्त राज भवन के विशेषज्ञों के एक समिति ने सिलेबस में बदलाव किय था तथा वर्तमान राज्यपाल  फग्गू चौहान का इस मामले में कोई लेना देना नहीं है।

कुलपति ने भी बताया की चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के कारन विभिन विश्वविद्यालों के पाठ्यक्रमों में बदलाव किये गएँ तथा उनके विश्विद्यालय से जय प्रकाश का नाम पाठ्यक्रम से हटाना जल्दी बाज़ी का निर्णेय था।

विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में २०% बदलाव किया गया है तथा राजा राम मोहन रॉय , राम मनोहर लोहिया, दयानन्द सरस्वती , बाल गंगाधर तिलक और क्रांतिकारी मनिन्द्र नाथ राय के नाम पाठ्यक्रम से हटा दिया गया एवं नए सिलेबस में  दीनदयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस और ज्योति बा पहले को शामिल किया गया।

बिहार  के राज्यपाल  के शिक्षा सलहाकार और  राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के पूर्व सदस्य डॉक्टर  बी के मिश्रा ने बताया की जय प्रकाश विश्विद्यालय में जेपी का हे नाम पाठ्यक्रम से हटाना भयंकर चूक थी और विशेषज्ञो ने बड़ी भूल की है।

कुलपति फारूख ने दावा किया की राज्य भवन के विषेशज्ञ समिति ने जीपे और अन्य देशभक्तो का नाम हटाया है और विश्विद्यालय इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

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