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चंडीगढ़, 22 सितंबर
राजनीतिक मुखिया की नियुक्ति करते समय जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखना एक आम बात है, लेकिन पुलिस बल के प्रमुख का चयन आधार भी यदि यही हो तो एक बार आश्चर्य होगा।
लेकिन पंजाब में नव नियुक्त चरणजीत चन्नी सरकार जाति के आधार पर नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। और इसकी मुहर लगाने के लिए नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजे गए है।
तीन दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद, चरणजीत चन्नी ने नए पुलिस प्रमुख के चयन और प्रशासन में बदलाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई बैठकें कीं। पंजाब सरकार ने पहले फेरबदल में लुधियाना, जालंधर और अमृतसर के पुलिस आयुक्तों की अदला-बदली की है। नौनिहाल सिंह पुलिस कमिश्नर (सीपी) जालंधर बनाये गए है वही डॉ सुखचैन सिंह गिल सीपी अमृतसर और गुरप्रीत सिंह भुल्लर सीपी लुधियाना होंगे।
लेकिन असली दिक्कत राज्य के पुलिस प्रमुख के चयन में हो रही है। सूत्रों ने बताया कि चन्नी चाहते है कि इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी बनाया जाए। जाति समीकरण को संतुलित करने के लिए कांग्रेस संगठन ने इस पर विराम लगा दिया है।
सहोता अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और मुख्यमंत्री ने उसी जाति के एक आईएएस अधिकारी हुसैन लाल को अपना प्रमुख सचिव पहले ही नियुक्त कर दिया है। चन्नी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और सत्ताधारी दल को इस बात पर आपत्ति है कि प्रशासन में शीर्ष पदानुक्रम में किसी एक जाति का वर्चस्व नहीं होना चाहिए।
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, 1987 बैच के अधिकारी वीके भवरा और 1988 बैच के अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता के नाम चर्चा में हैं। इन तीनों के पास छह महीने से अधिक की सेवा शेष है जो पुलिस प्रमुख बनाने के लिए जरूरी है।
हालांकि, पंजाब का अगला डीजीपी कौन होगा, इस पर अंतिम फैसला राहुल गांधी करेंगे, ऐसा पंजाब कांग्रेस के नेताओं का कहना है।