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इंसान का जीवन और मृत्यु भगवान तय करता है यह केवल कहावत तक सिमित नहीं है। यूपी के मुरादाबाद के 45 साल के एक शख्स ने इसी चरितार्थ कर दिखाया।
एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल करीब 45 साल के श्रीकेश कुमार मृत घोषित किये जाने के करीब सात घंटे बाद जिंदा हो गया। मृत घोषित किये जाने के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए डीप फ्रीजर में रख दिया गया था। सुबह उसका पोस्ट मार्टम होने वाला था लेकिन मुर्दाघर में रखने के कारीब सात घंटे बाद वह जिंदा हो गया।
दरअसल यूपी के मुरादाबाद में गुरुवार को मोटरसाइकिल की टक्कर में श्रीकेश कुमार को गंभीर चोटें आई। उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। श्रीकेश कुमार को मृत घोषत किये जाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और उसके परिवार वालों के पहुंचने तक शव को मुर्दाघर के डीप फ्रीजर में रख दिया गया। लगभग 7 घंटे बाद जब पुलिस की टीम और उसका परिवार शव के पास कागजी कार्रवाई शुरू करने के लिए पहुंचा तो उस शख्स की सांसें चल रहीं थी।
श्रीकेश कुमार को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया। उनकी हालत गंभीर है क्यूंकि वे कोमा में चले गए है।
अस्पताल के चिकित्सा के अनुसार ‘इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसकी जांच की और उसमें जिंदा होने के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे, इसलिए उसे मृत घोषित कर दिया गया।’