अमेरिका में होने वाले चुनावों पर विश्व मीडिया की नजर बनी हुई है, अमेरिका के हिन्दू वोटर भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं अब देखना ये होगा कि ये हिन्दू वोट ट्रम्प या बिडेन किसके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होते हैं क्योंकि दोनों ही पक्ष इन्हें रिझाने मैं कोई कसर नही छोड़ रहे हैं।
3 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में, डेमोक्रेटिक दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उनकी भारतीय-अमेरिकी साथी कमला हैरिस रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रम्प और उपराष्ट्रपति माइक पेंस को चुनौती देंगे। दोनों ही उम्मीदवारों के प्रचार में जो बात आम है वह है “हिंदू”।
बिडेन ने अपने चुनावी अभियान के दौरान अमेरिका में हिन्दू समुदाय के लगभग बीस लाख से अधिक वोटरों को आकर्षित करने के लिए “हिंदुओं के लिए बिडेन” अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत वे और उनके दल के सदस्य हिंदू समुदाय को उनके प्रमुख मुद्दों और उनके साथ होने वाले घृणा संबंधी अपराधों पर संबोधित करेंगे। आयोजकों के अनुसार, भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति गुरुवार को इसकी पहली बैठक को संबोधित करने वाले हैं।
इस अभियान की शुरुआत 14 अगस्त को राष्ट्रपति ट्रम्प के अभियान “ट्रम्प के लिए हिंदुओं की आवाज” के दो सप्ताह बाद की गई । इस अभियान की घोषणा करते हुए उनके प्रचारकों ने कहा कि यह अभियान लाखों अमेरिकियों के हिंदू विश्वास को सम्मानित करता है।
यह, शायद, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार है कि दो प्रमुख राजनीतिक दल देश में हिंदुओं के लिए प्रमुखता से आगे आए हैं। दोनो दलों के इस कदम को अमेरिका में हिंदुओं की बढ़ती राजनीतिक साख के रूप में देखा जा रहा है।
हिंदू धर्म अमेरिका में चौथा सबसे ज्यादा माना जाने वाला धर्म है। हिन्दू आबादी जो 2016 में अमेरिका की कुल आबादी का लगभग एक प्रतिशत थी।