‘बालिका वधू’ का डायरेक्टर सब्जियां बेचने को मजबूर

रामवृक्ष गौर

भारतीय फिल्म और टेलीविजन जगत में दिलचस्प कहानियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कभी कभी असली जिंदगी से जुड़ी कहानियां भी जिंदगी का एक अलग पहलू भी दिखाती है। एक व्यक्ति जिसने 25 से अधिक टेलीविज़न कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक निर्देशन किया है आज सब्जियां बेचने के लिए मजबूर है।

यह कोई नाटक या कहानी नही है बल्कि पिछले 22 वर्षों से धारावाहिक और फिल्मों का निर्देशन कर रहे रामवृक्ष गौर के जीवन से जुड़ी एक वास्तविकता है। कोविड 19 महामारी ने उन्हें तगड़ा झटका दिया और ये एहसास दिला दिया कि वास्तविक जिंदगी इस काल्पनिक दुनिया से बिल्कुल अलग है।

प्रसिद्ध भारतीय कार्यक्रम बालिका वधु के निदेशकों में से एक, रामवृक्ष गौर आजमगढ़ जिले में अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए सब्जियां बेच रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि वह एक फिल्म की तैयारी करने के लिए आजमगढ़ आए थे।

वह अपने साथियों के साथ आजमगढ़ गए हुए थे जब लॉकडाउन की घोषणा हो गई और वे वहीं फंस गए लेकिन अब उनके लिए मुंबई वापस आना असंभव हो गया क्योंकि जिस प्रोजेक्ट पर वे काम कर रहे थे, उसे बीच में ही रोकना पड़ा।

फिल्म के निर्माता ने गौर को बताया कि चीजों को फिर से वापस पटरी पर आने में एक और साल लग सकते हैं ।

इस संकट से बाहर निकलने का कोई रास्ता न दिखने पर गौर ने फिर उसी काम को करने का फैसला किया, जिससे वह परिचित हैं यानि ठेले पर सब्जियां बेचना। उन्होंने कुछ प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उनके पिता भी इसी व्यवसाय को करते थे और उन्हें इसे करने का कोई पछतावा नहीं है।

गौर एक भोजपुरी फिल्म और एक हिंदी फिल्म पर भी काम कर रहे थे लेकिन महामारी ने उनकी सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया।स्थितियों के सामान्य होने पे ही उनके वापस जाने की योजना है, उनका मुंबई में एक घर भी है।

निर्देशक पहली बार 2002 में मुंबई गए थे और पहली बार प्रकाश विभाग में काम किया, फिर धीरे धीरे टीवी कार्यक्रमों के प्रोडक्शन विभाग में भी काम किया। वह कई भारतीय कार्यक्रमों के लिए सहायक निर्देशक भी बने जिसने उन्हें बालिका वधु का एपिसोड डायरेक्टर और यहां तक ​​कि यूनिट डायरेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया।बाल विवाह की रूढ़िवादिता को तोड़ने वाला ये कार्यक्रम काफी प्रसिद्ध हुआ था।

बालिका वधू की कहानी बाल विवाह प्रथा को प्रमुखता के साथ उठाती थी और समय के साथ यह महिला सशक्तीकरण की ओर बढ़ी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *