लॉकडाउन खोज, बांस से मोबाइल स्टैंड

लॉकडाउन की इस गहरी चुप्पी में भी, रचनात्मकता अपनी राह खोज ही लेती है, और इसे साबित किया है मणिपुर के कोनसम रोमेश ने ।

इम्फाल पश्चिम जिले के अवांग जीरी मामिंग लईकाई के 26 वर्षीय कोनसम रोमेश सिंह ने अपनी रचनात्मकता का भरपूर प्रयोग करते हुए बांस के एक अनोखे मोबाइल फोन ट्राइपॉड (मोबाइल स्टैंड) का किया है।

उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल रोमेश क्राफ्ट पर भी इसका संपूर्ण ट्यूटोरियल वीडियो पोस्ट किया है।

महामारी लॉकडाउन इन जैसे युवाओं के लिए एक अवसर के रूप में आया है जिनके पास नए उत्पादों को डिजाइन करने और उन्हें बनाने का उत्साह है।

दरअसल रोमेश अपने वीडियो असाइनमेंट के लिए ऑनलाइन मोबाइल फोन ट्राइपॉड खरीदना चाह रहे थे । लेकिन लगातार लॉकडाउन के कारण, वह इसे ऑनलाइन ऑर्डर नहीं कर पा रहे थे क्योंकि इस दौरान कोई भी डिलीवरी सेवा कार्य नहीं कर रही थी।

“मैनें सोचा क्यों न में ही ट्राइपॉड बनाऊं और इसी लिए बांस से इसे आकार दिया” रोमेश ने कहा

अभिनव और टिकाऊ मोबाइल ट्राइपॉड का वजन लगभग 300 ग्राम है और इसकी लंबाई 4.5 फीट तक बढ़ सकती है। इसे पूरा करने में लगभग एक सप्ताह का समय लगा और इसकी कीमत सिर्फ 800 रुपये है।

रोमेश ने बांस से बने अनूठे मोबाइल फोन ट्राइपॉड के लिए वर्ष 2019-2020 के उत्कृष्ट शिल्पकार के लिए मेरिट अवार्ड जीता। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस युवा प्रतिभा को बधाई देने के लिए अपने ट्विटर अकॉउंट पर रोमेश के ट्यूटोरियल वीडियो को पोस्ट भी किया है कि कैसे उन्होंने बांस ट्राइपॉड को डिजाइन किया।

रोमेश ने 2018 में एक शौक के रूप में बांस के साथ क्राफ्टिंग करना शुरू कर दिया, लेकिन अब यह उनका जुनून बन गया है और उन्हें उम्मीद है कि यह उनके लिए एक अच्छा कैरियर बनेगा । रोमेश का मानना ​​है कि बांस शिल्पकारी टिकाऊ होते हैं और राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को भी बढ़ावा देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *