भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) के अधिकारी श्रीराम वेंकटरमण को विपक्ष के भारी दबाव के चलते महत्पूर्ण पद से हटा दिया गया है। वे पत्रकार केएम बशीर की मौत के मुख्य आरोपी हैं।
दिलचस्प बात यह है कि केरल सरकार ने 2013-बैच के इस आई ए एस अधिकारी को जनसंपर्क विभाग में एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया था। जनसंपर्क विभाग ही सरकार और मीडिया एवं पत्रकारों के बीच एक कड़ी का काम करता है। बताया गया कि जब इस आईएएस अधिकारी ने पत्रकार केएम बशीर को अपनी तेज रफ़्तार गाड़ी से ठोकर मारी तब वे नशे में धुत्त थे।
अगस्त 2019 में बशीर की मौत हुई। काफी हथकंडे अपनाने के बाद भी श्रीराम वेंकटरमण बच नहीं पाए और पुलिस को मजबूर होकर उनके खिलाफ अपराध दर्ज करना पड़ा। तब से श्रीराम निलंबित रहे। 3 अगस्त 2019 के तड़के हुई इस दुर्घटना के वक़्त श्रीराम, वफ़ा फ़िरोज़ नाम की एक महिला के साथ कार में थे। तेज रफ़्तार से चल रही कार ने तिरुवनंतपुरम संग्रहालय के बाहर बशीर की बाइक को ठोकर मारी थी।
आई ए एस अधिकारी पर नशे में गाड़ी चलाने का आरोप है और पत्रकार की मौत के मामले में वे मुख्य आरोपी है, जबकि वफ़ा को सह आरोपी बनाया गया है।
श्रीराम, जो एक मेडिकल डॉक्टर भी हैं, को इसी साल मार्च में सरकार ने कोविड 19 महामारी के बहाने सेवा में बहाल कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग और बाद धीरे से उन्हें जनसंपर्क विभाग में महत्पूर्ण पद पर उनकी नियुक्ति कर दी जिसका पुरजोर विरोध हुआ । नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथा ने जनसंपर्क विभाग में उनकी नियुक्ति को लेकर आवाज उठाई थी और सरकार पर गलत काम करने वालों ’को संरक्षण देना का आरोप लगाया था ।
अधिकारी द्वारा अपने पेशे और निजी संबंधों का लाभ उठाते हुए अब न्यायपालिका का भी सम्मान नहीं किया । वे कई बार अदालत के नोटिसों की अनदेखी कर चुके हैं और तीन बार सुनवाई में भी उपस्थित नहीं हुए हैं।
पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार पत्रकार की मौत के मामले में ,सवालों के घेरे में आ गई है। बशीर की मौत के छह महीने बाद, पुलिस ने चार्जशीट पेश की। और अभी तक ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है जबकि एक साल पहले ही बीत चुका है।
विपक्ष के पुरजोर विरोध और दबाव के चलते आईएएस अधिकारी को कल जनसंपर्क विभाग के प्रमुख पद से हटा दिया गया है।