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रायपुर, 5 मई
पश्चिम बंगाल में 292 नवनिर्वाचित विधायकों में से 142 ने अपने चुनाव शपथ पत्र में घोषणा की है कि उनके खिलाफ आपराधिक दर्ज किये गए है। आपराधिक छबि वाले नवनिर्वाचित विधायकों कुल नए विधायकों का 49 प्रतिशत है।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले राज्य विधानसभा में विधायकों की वृद्धि पश्चिम बंगाल में 2016 के राज्य चुनावों की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। पिछली विधानसभा में, कुल 107 विधायक आपराधिक छबि वाले थे जो कुल संख्या का 37 प्रतिशत था।
पश्चिम बंगाल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पश्चिम बंगाल 2021 विधानसभा चुनावों में सभी 292 विजयी उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। दो निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक उम्मीदवार की मृत्यु के बाद चुनाव आयोग ने जंगीपुर और समसरगंज विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान स्थगित कर दिया था।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 113 या 39 प्रतिशत विजयी उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित गंभीर आपराधिक मामले में शामिल होने की घोषित की हैं जबकि 10 विजयी उम्मीदवारों ने हत्या (आईपीसी धारा -302) से संबंधित मामलों में अपनी लिप्तता बताई है। वही 30 विजयी उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के मामलों में शामिल हैं (आईपीसी धारा -307)।
20 नवनिर्वाचित विधायक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल है वही उनमें से एक के खिलाफ बलात्कार (आईपीसी धारा -376) का मामला दर्ज है।
आपराधिक मामलों के साथ जीतने वाले उम्मीदवारों के पार्टी वार विश्लेषण से पता चला कि तृणमूल कांग्रेस के 213 विजयी उम्मीदवारों में से 91 (43 प्रतिशत) और भाजपा के 77 में से 50 (65 प्रतिशत) उम्मदवारो के खिलाफ मामले दर्ज है। इनमे से तृणमूल कांग्रेस के 73 (34 प्रतिशत) और 39 (51 प्रतिशत) नवनिर्वाचित विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं।
292 विजयी उम्मीदवारों में से 158 (54 प्रतिशत) करोड़पति हैं। पिछले चुनावों की तुलना में यह संख्या 20 प्रतिशत अधिक है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में 100 (34 प्रतिशत) विधायक करोड़पति थे। करोड़पतियों में से 132 (प्रतिशत) तृणमूल कांग्रेस और 25 (33 प्रतिशत) भाजपा के है वही एक निर्दलीय ने घोषणा की है किए उसकी सम्पति 1 करोड़ रुपये से अधिक है।