कोलकाता , मार्च 10
नंदीग्राम में चुनाव के लिए अपना नामांकन भरने के बाद ममता बनर्जी चुनाव प्रचार पर निकली और उनके अनुसार उनके काफिले पर हमला हो गया।
ममता ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। इसके अलावा वह कुछ भी बताने की हालत में नजर नहीं आ रही थी। ममता बनर्जी ने इस मामले पर आगे कहा कि जहां घटना घटी वहां पुलिस की टीम मौजूद नहीं थी।
बंगाल की मुख्यमंत्री का बयान चकित करने वाला है क्यूंकि ममता बनर्जी अभी भी पद में है और यदि उनपर हमला हुआ है तो यह बंगाल पुलिस की घोर लापरवाही है। चुकी अगली विधान सभा के गठन था ममता पद पर है और उन्हें बाकायदा मुख्यमंत्री की पूरी सुरक्षा मिली हुई है जिसकी जिम्मेदारी बंगाल पुलिस की है।
जैसा की ममता का आरोप है की उनके कार्यक्रम स्थान पर सुरक्षा नहीं थी तो इसके दोषी पश्चिम बंगाल की पुलिस है न की केंद्र सरकार। यदि वे अपने ऊपर हुए हमले पर गंभीर है तो उन्हें तुरंत बंगाल पुलिस पर कार्यवाही की मांग करनी चाहिए क्यूंकि उन्हें सुरक्षा देने में उनकी ही पुलिस ने लापरवाही की है।
यदि पुलिस पर कार्यवाही नहीं होती तो ममता बनर्जी को अपने चिरपरिचित अंदाज़ में तुरंत धरने पर बैठ जाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि तीन-चार लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनके पैर तक को कुचला दिया।
ममता की तरफ से इस धक्का-मुक्की के आरोप पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सिर्फ और सिर्फ झूठ बोल रही हैं। भाजपा ने कहा कि यह केवल नाटक है और यह सहानुभूति बटोरने के लिए किया गया है। इस मामले को लेकर भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो चुनाव आयोग की तरफ से इसकी वीवीआईपी जांच कराई जानी चाहिए। लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह सब केवल साहनुभूति बटोरने के लिए किया गया है।