लव कुमार मिश्रा
पटना, नवंबर 18
घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने अपने सहयोगी पुलिस अधिकारी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के कार्यालय में घुसकर उन पर हमला कर दिया।
बताया जाता है कि इस दौरान थानाध्यक्ष ने एडीजे पर पिस्तौल तान ली और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। कार्यालय में मारपीट की भनक लगते ही अनुमंडल कोर्ट के कर्मी व कई अधिवक्ता वहां पहुंचे और बीचबचाव कर एडीजे को हमलावर पुलिस अधिकारियों के कब्जे से मुक्त कराया।
इसके बाद आक्रोशित कर्मियों व अधिवक्ताओं ने दोनों पुलिस अधिकारियों को पकड़ कर उनकी जमकर पिटाई कर दी। घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरातफरी व हंगामा का माहौल बन गया।
सूचना मिलते ही वरिष्ठा प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भारी दल-बल के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे। इधर, इस घटना को लेकर कोर्ट कर्मियों व अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। दोनों आरोपित पुलिस पदाधिकारी फिलहाल हिरासत में हैं।
पटना उच्च न्यायालय की जानी मानी महिला अधिवक्ता और एडवोकेट एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव श्रीमती छाया मिश्र ने झंझारपुर में अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार पर उनके कोर्ट रूम में दो पुलिस अधिकारी द्वारा मार पीट की घटना की निंदा करते हुए कहा, “अभी तक तो हमलोग अपराधियों से सुरक्षा की मांग करते रहे, लेकिन अब हमे पुलिस से ही सुरक्षा की ज़रूरत है।”
श्रीमती छाया मिश्र ने दोनो अधिकारयों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग की और साथ ही साथी वकीलों से निवेदन किया कि वे इन दोनो अपराधी पुलिस वालो के लिए पैरवी नही करे। उन्हे जमानत के स्तर पर और मुकदमे में भी कोई वकील नहीं मिले ऐसी व्यवस्था करे।
पटना उच्च न्यायालय ने आज देर रात मधुबनी की घटना पर सुनवाई की और इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आक्रमण बताया।
न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता और श्री मोहित कुमार की बेंच ने मधुबनी के ज़िला न्यायधीश के रिपोर्ट पढ़ने के बाद कहा कि एक अप्रत्याशित और दुखद घटना हुई जिसमे जज को पुलिस ने कोर्ट में पीटा और सर्विस रिवॉल्वर से मारा है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक उपस्थित थे। कोर्ट ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और मधुबनी के एसपी को २९ नवंबर को तलब किया है।