लव कुमार मिश्र
पटना, जनवरी १७
शराब पीने वालो के लिए एक खुशखबरी है,अब ऐसे लोग बिहार में जेल जाने से बच जायेंगे।
पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2016 के बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ गंभीर टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, बिहार सरकार ने कानून मे संशोधन प्रस्तावित किया है। प्रस्तावित संशोधित कानून का भूतलक्षी प्रभाव होगा क्योंकि सरकार ने संशोधन में स्पष्ट लिखा है की विचाराधीन मुकदमों में भी यह लागू होगा।
अब शराब पीने, घर एवं बाहर वाले लोगो का समरी ट्रायल किया जायेगा और आर्थिक दंड देने का अधिकार डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को दिया जा रहा है। वर्तमान कानून में विशेष न्यायलय के न्यायधीश ही ट्रायल देखते रहे हैं।
अब समरी ट्रायल से न्यायलय पर बोझ कम हो जायेगा और त्वरित न्याय होने से जेल में कैदियों की संख्या भी घटेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर दुख व्यक्त किया था कि बिहार मध्यनिदेध कानून के मुकदमो के कारण पटना उच्च न्यायालय में 15 जज जमानत की अर्जी सुनने में लगे रहते हैं और निचली अदालत तो इस कानून के मुकदमो के कारण भरे हुए हैं।
नए नियम के अनुसार शराब का अंतर प्रांतीय परिवहन अब एक संगठित अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।