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अहमदाबाद, नवंबर 13
गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सूची आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है।
भाजपा ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी करते हुए 180 विधानसभा सीटों में से 160 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। इस सूची में मौजूदा 38 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं, जबकि 69 विधायकों को ही फिर से उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा ने चुनाव में 91 नए चेहरों पर दांव खेला है।
राज्य के सभी जोन में अलग-अलग 32 सीट पर टिकट को लेकर असंतोष दिख रहा है। कई जगह तो पार्टी कार्यकर्ता और नेता नाराज होकर इस्तीफा भी देने लगे हैं। इससे बागियों का खतरा बढ़ रहा है।
दरअसल, टिकट लिस्ट में अपना नाम नहीं देखने के बाद कुछ बड़े नेता नाराज हो गए हैं और इस बार सीधे निर्दलीय पर्चा भरने का ऐलान कर रहे हैं। इस बार यह संख्या बढ़ रही है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सातवीं बार सत्ता में आने का ख्वाब संजोए भाजपा के लिए यह मुसीबत बढ़ाने वाला मामला हो सकता है। विश्लेषकों की मानें तो पार्टी को इससे सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा।
हालांकि, भाजपा ने भी ऐसे में डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है और बागियों को मनाने के लिए एक टीम गठित कर रही है। यही कदम भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में भी उठाया था और बागियों को मनाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में टीम गठित की थी। मगर इसमें बहुत सफलता नहीं मिली। सिर्फ एक बड़े नेता महेश्वर सिंह जो कुल्लू से निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे थे, को ही पार्टी मनाने में कामयाब हो सकी। इसके अलावा कुछ और छोटे नेताओं को मनाया जा सका।
कई बड़े नेता तो अकेले चुनाव लड़े, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। मगर भाजपा अगर गुजरात में बागी नेताओं को मनाने में कामयाब नहीं हुई तो उसे सीधे तौर पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि कई नेता आप और कांग्रेस को फायदा पहुंच सकते हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे।