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पटना, फरवरी १
पटना उच्च न्यायालय की वरिष्ठ महिला अधिवक्ता और एडवोकेट्स एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव श्रीमती छाया मिश्र ने आज वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा संसद में प्रस्तुत बजट प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की विधि और कानून मंत्रालय के लिए इस बार कम आबंटन हुआ है।
जहां 2021 के बजट में कुल 4211 करोड़ रुपए खर्च हुए, 2022/23 के लिए यह घट कर 3393 करोड़ रुपए कर दिया गया है। श्रीमती छाया मिश्र ने खेद व्यक्त किया की यौन संबंधों अपराधो से पीड़ित बालिकाओं के लिए निर्भया कोष का गठन किया गया था। 200 करोड़ रूपए का निर्भय कोष में कोई वृद्धि नही हुआ है और अभी भी पूरा कोष ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है ।
केंद्र सरकार ने इ-courts फेस दो और तीन के लिए 858 करोड़ रुपए दिए,जो पहले 778 करोड़ रूपए था। ग्राम न्यायालय के जहां पहले आठ करोड़ रूपए का आबंटन था,नए बजट में यह शून्य है।
श्रीमती छाया मिश्र ने बताया कि कोविड काल में पिछले तीन वर्षो से लॉक डाउन में कोर्ट की कार्यवाही स्थगित रहने से वकीलों की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो गई। उम्मीद थी की केंद्र सरकार इनके लिए कोई राहत की घोषणा करती, बेनेवोलेंट फंड का निर्माण करती, लेकिन निराशा ही लगा।
उदियामन विधि स्नातकों के लिए प्रोत्साहन कोष की भी अपेक्षा थी। श्रीमती छाया मिश्र ने वित्त मंत्री द्वारा आयकर विभाग में सरकार और करदाताओं के बीच होने वाले मुकदम्मों को कम करने के लिए नया लिटिगेशन पॉलिसी का स्वागत किया है।