फारूक अब्दुल्ला जी, कम से कम मकबूल शेरवानी का सम्मान तो कर लिया होता !
अब्दुल्ला या अन्य कश्मीरी नेताओं के विचार एक सामान ही नजर आ रहे हैं, जो कि मकबूल शेरवानी का घोर अपमान है , जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान सिर्फ इसलिए दिया ताकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना रह सके।
फारूक अब्दुल्ला जी, कम से कम मकबूल शेरवानी का सम्मान तो कर लिया होता ! Read More