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छत्तीसगढ़ केंद्रीय पूल में चावल के दूसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरेगा क्योंकि भारत सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में राज्य से 60 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है।
केंद्र ने आगामी खरीफ विपणन सीजन (खरीफ फसल) के लिए 495.37 लाख टन चावल खरीदी का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले सत्र में की गयी खरीदी से 19.07 प्रतिशत अधिक है। खरीफ विपणन सीजन 2019-20 (खरीफ फसल) में धान की वास्तविक खरीद (चावल के संदर्भ में) 420.22 लाख टन थी, जो एक रिकॉर्ड खरीद थी।
खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लिए खरीद अनुमान 100 प्रतिशत से अधिक हो गया है और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और झारखंड मेंखरीफ विपणन सीजन 2019-20 की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव सुधांशु पांडे ने खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2020-21 की आगामी खरीद व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य खाद्य सचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता की।
खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए केंद्र ने पंजाब से 113 लाख टन, छत्तीसगढ़ से 60 लाख टन और तेलंगाना से 50 लाख टन, हरियाणा से 44 लाख टन, आंध्र प्रदेश से 40 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 37 लाख टन और ओडिशा से 37 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा।
छत्तीसगढ़ तेलंगाना को पीछे करते हुई केंद्रीय पूल में चावल आपूर्ति के मामले में दूसरे स्थान हासिल करेगा। पंजाब ने अग्रणी राज्यों का खिताब बरकरार रखा है।
केंद्रीय खरीद की मात्रा भी छत्तीसगढ़ सरकार के लिए राहत लाएगी। राज्य सरकार राजकोषीय तनाव का सामना कर रही है क्योंकि वह किसानो को बोनस के साथ 2500 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है।
वर्तमान केएमएस में छत्तीसगढ़ में 95 लाख टन से अधिक धान की खरीद की संभावना है।