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मुंबई, जनवरी 9
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से अंतरिम रिहाई का आदेश दिया।
कोचर दम्पति को वीडियोकॉन ऋण मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिसंबर 24 को गिरफ्तार किया था। उन पर वीडियोकॉन समूह को 2012 में दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में धोखाधड़ी और अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की खंडपीठ ने माना कि गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थिति के लिए नोटिस भेजना जरुरी है।
अदालत ने निर्देश दिया, “तथ्यों के अनुसार याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी कानून और सीआरपीसी की धारा 41ए के अनुसार नहीं है।” उन्हें रुपया 1 लाख प्रत्येक की अनंतिम नकद जमानत प्रस्तुत करने के अधीन रिहा किया जाना है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कोचर के पति और उनके परिवार के सदस्यों ने सौदे से फायदा उठाया।
यह आरोप लगाया गया था कि जब कोचर आईसीआईसीआई बैंक में मामलों की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनीज के लिए ऋण को मंजूरी दी थी। बदले में, उसके पति की कंपनी नू रिन्यूएबल ने कथित तौर पर वीडियोकॉन से निवेश प्राप्त किया।
ऋण बाद में एनपीए में बदल गया और इसे बैंक धोखाधड़ी करार दिया गया।
हिरासत के बाद, विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें 29 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।