खनिज संपदा के धनी छत्तीसगढ़ राज्य को पिछले पांच वर्षों में कोयला खनन से राजस्व के रूप में 14349.88 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं ।
कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को पिछले पांच सालों में 11234.77 करोड़ रुपये रॉयल्टी से और प्रीमियम के रूप में 3115.11 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद ने पूछा कि क्या 2015 में आई नई कोयला खदान आबंटन नीति के कारण राज्य को कम कोयला प्रीमियम और रॉयल्टी मिल रही है ?
मंत्री ने बताया कि कोल माइंस (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 के लागु होने से पहले 7 कोयला ब्लॉक सरकारी उपक्रम और छत्तीसगढ़ की बिजली कंपनियों को आबंटित किए गए थे। नई आबंटन नीति के तहत, राज्य में केवल 3 ब्लॉक आबंटित किए गए हैं ।
कोल माइंस (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत आबंटित कोयला खानों के कोयला ब्लॉक आबंटियों को रॉयल्टी और प्रीमियम का भुगतान करना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा पिछले पाँच वर्षों में प्राप्त की गई रॉयल्टी और प्रीमियम इस प्रकार है:
वित्तीय वर्ष प्रीमियम (करोड़ में) रॉयल्टी (करोड़ में)
2015-16 87.73 1867.09
2016-17 768.76 1956.55
2017-18 601.20 2362.89
2018-19 845.48 2713.51
2019-20 811.94 2334.73
जोशी ने कहा कि मंत्रालय अधिक से अधिक कोयला खदानों के संचालन की कोशिश कर रहा है क्योंकि इससे कोयला प्रीमियम और रॉयल्टी में वृद्धि होगी जो कोयला उत्पादन पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए कोयला ब्लॉकों के संचालन के लिए आबंटियों को सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए।