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रायपुर, अक्टूबर 31
प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष करण सिंह अटेरिया द्वारा 30 अक्टूबर 2025 को नया रायपुर के इंद्रावती भवन के सभागार में एक मांग एक मंच को समर्थन देने वाले कर्मचारी संगठनों का दीपावली मिलन समारोह छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ।
मिलन समारोह में सम्मिलित होने वाले कर्मचारी एवं पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधि महेंद्र सिंह राजपूत पूर्व अध्यक्ष मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, गोपाल साहू प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन, डॉ डी पी मनहर प्रांताध्यक्ष पेंशन धारी कल्याण संघ, आर के थवाईत प्रांताध्यक्ष प्रगति शील पेंशनर कल्याण संघ, सूरज प्रसाद देवांगन प्रांतीय महा मंत्री प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ,विद्या भूषण दुबे प्रांतीय सचिव राज्य पेंशनर एवं कर्मचारी कल्याण संघ,डॉ जितेंद्र सिंह ठाकुर प्रांताध्यक्ष प्रदेश कोषालयीन कर्मचारी संघ,उमा जाटव प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ नवीन शिक्षक संघ,बाल कृष्ण साहू प्रांतीय सचिव स्टेट गैरज शासकीय कर्मचारी संघ,एल के नामदेव पूर्व प्रांताध्यक्ष अपाक्स संघ, पुरुषोत्तम पमनानी, कृष्णा सिंह ठाकुर, एम एल खांडे का आयोजक श्री अटेरिया एवं छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव श्याम लाल साहू ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया ।
सभी संगठनों के प्रतिनिधि साथियों ने छत्तीसगढ़ वर्तमान एवं पूर्व की सरकार को कर्मचारियों एवं पेंशनरों के महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का वर्ष 2017 से आज पर्यंत तक एरियर्स राशि का भुगतान नहीं करने पर कोसते हुए कहा कि चुनाव घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के तहत केंद्र के समान देय तिथि से डी ए देने एवं पिछले डी ए की एरियर्स प्रदान करने की घोषणा करने के बाबजूद भाजपा सरकार द्वारा अब तक घोषित सभी डीएआठ माह विलंब से बिना एरियर्स के देकर कर्मचारियों एवं पेंशनरों के साथ छल किया है। राज्य के पेंशनरों को महंगाई राहत देने में कर्मचारियों एवं पेंशनरों के बीच भेद भाव करने एवं धारा 49(6) के ढाल बनाने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।सभी उपस्थित प्रतिनिधियों ने एक मांग एक मंच को नितांत आवश्यक मानते हुए पुरजोर समर्थन का वादा किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अनिल शुक्ला ने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ राज्य का एक नवंबर को रजत जयंती मना रहे है किन्तु इन पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश की तुलना में बहुत पीछे हैं चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की दोनों सरकारों ने कर्मचारियों की भरपूर उपेक्षा की है उसकी एक वजह एक वजह छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में कर्मचारी संगठनों की बहुतायत संख्या एवं कर्मचारी संगठनों में एकता का अभाव जिसका फायदा सरकार उठा रही है।यदि कर्मचारी संगठनों के नेतृत्वकर्ता अपने अपने निहित स्वार्थ को छोड़कर एक होकर संघर्ष नहीं करेंगे तो सरकार से कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे।एक मांग एक मंच के अभियान को आगे बढ़ाने की लिए एक रूपरेखा तैयार करते हुए कहा कि इस मंच को राज्य के कर्मचारियों,अधिकारियों एवं पेंशनरों का संयुक्त मंच बनाया जाएगा।मंच में सभी संगठनों के प्रांताध्यक्ष प्रांतीय संचालन समिति के सदस्य होंगे किंतु कोई पदाधिकारी संचालन समिति में अपने संगठन के पद का उल्लेख नहीं करेगा क्योंकि इस मंच को व्यापक समर्थन मिले इस लिए संगठन एवं उनका पद किसी भी संगठन के सदस्य के लिए बाधा नहीं बने।प्रांतीय संचालन समिति के पैटर्न पर जिला एवं ब्लॉक स्तर पर समितियां बनेगी ।छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव के नाम से मोदी की गारंटी के तहत राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से मंहगाई भत्ता/ महंगाई राहत देने की तत्काल घोषणा एवं वर्ष जनवरी 2017 से जनवरी 2025 तक के देय डीए/डीआर के एरियर्स राशि का भुगतान किया जाय का ज्ञापन तैयार कर सभी विद्यालय ,कार्यालय में जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
ज्ञापन सौंपने के बाद शासन के ध्यानाकर्षण हेतु अन्य कार्यक्रम प्रांतीय संचालन समिति की बैठक में घोषित किया जाएगा।एक मांग एक मंच का उद्देश्य सिर्फ कर्मचारियों एवं पेंशनरों को एक सूत्रीय मांग के लिए संगठित कर शासन से यह आदेश जारी कराना की केंद्र की घोषणा होते ही जिस प्रकार से उत्तरप्रदेश,राजस्थान, हरियाणा,झारखंड, उत्तरांचल की राज्य सरकार एवं छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली विभाग के कर्मचारियों को डीए/डी आर की घोषणा होती है उस तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार करेगी।
