आर कृष्णा दास
देश में निवेश परियोजनाओं पर नजर रखने वाली एक स्वतंत्र फर्म ‘प्रोजेक्ट्स टुडे’ द्वारा जारी ‘प्रोजेक्स सर्वे’ (‘Projex Survey) के अनुसार, खनिज संपदा के धनी छत्तीसगढ़ राज्य ने देश के बाकी राज्यों को पीछे छोडते हुए नए निवेश को आकर्षित करने में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
114 परियोजनाओं के रूप में 35,771.3 करोड़ रुपये के नए निवेश के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर रहा, जबकि तमिलनाडु 23,331.85 करोड़ रुपये की 132 नई परियोजनाओं के साथ दूसरे स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पर 287 नई परियोजनाओं के साथ कर्नाटक ने पूरे देश में सबसे अधिक परियोजनाओं के मामले में टॉप किया जिसकी कुल लागत 19,958.9 करोड़ रु की है।
गुजरात और महाराष्ट्र ने क्रमशः 15,532.1 करोड़ रुपये और 15,004 करोड़ रुपये का नया निवेश प्राप्त किया।
22,653 करोड़ रुपये की बोधघाट सिंचाई परियोजना और दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स द्वारा 8,197 करोड़ रुपये की खनन परियोजनाओं ने छत्तीसगढ़ को वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में निवेश तालिका में शीर्ष पर पहुंचने में सबसे ज्यादा मदद की।
अर्थव्यवस्था के पूर्ण लॉकडाउन, मजदूरों के उनके घरों की ओर पलायन, आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे के विघटन और उचित ब्याज दरों पर पैसों की अनुपलब्धता ने निजी क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2020 21 की पहली तिमाही में सबसे अधिक प्रभावित किया। हालाँकि, जून 2020 से विभिन्न चरणों में होते अनलॉक ने अर्थव्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचालन किया और इससे निजी क्षेत्र में परियोजनाओं की संख्या और उसमें नियोजित निवेश दोनों में उछाल देखा गया।
देश भर में निजी क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 83,608.2 करोड़ की 618 नई परियोजनाओं की घोषणा हुई, जबकि उसके पहले की तिमाही में 44,714.6 करोड़ रुपये की 315 नई परियोजनाओं घोषित की गई थी।परियोजना निवेश के संदर्भ में इसने 87.0 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया।
नए निवेश प्रस्तावों में प्रभावशाली वृद्धि, टेंडरिंग गतिविधियों में वृद्धि और वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में परियोजना अनुबंधों की संख्या में तेजी पूर्ववर्ती तिमाही में भारत में परियोजनाओं के निवेश गतिविधियों में उछाल का संकेत है। हालांकि इससे परियोजना निवेश में सामान्य स्थिति की वापसी की घोषणा करना जल्दबाजी होगी।
परियोजना कार्यान्वयन अनुपात के अनुसार (कुल बकाया निवेश के प्रतिशत के रूप में निष्पादन के तहत परियोजना निवेश) वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 37.0 प्रतिशत की तुलना मैं वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 37.53 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। यह इंगित करता है कि जमीनी स्तर पर, परियोजना निष्पादन को दूसरी तिमाही में बहुत अधिक फायदा नहीं मिला है। श्रम की कमी, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और पैसों की कमी जैसे मुद्दे वित्तीय वर्ष 2020-21की दूसरी तिमाही में भी बने रहे।
हालांकि, केंद्र सरकार विभिन्न उपायों के माध्यम से शिथिल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं के निवेश के लिए जमीनी स्तर पर गति हासिल करने में थोड़ा समय लगेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रग्स और फार्मा, हेल्थकेयर, रोडवेज, ई-कॉमर्स और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में आने वाले महीनों में निवेश बढ़ेगा।
इस वर्ष अच्छे मानसून और कृषि-खरीद की कीमतों में वृद्धि ने आने वाली तिमाहियों में बाजार में सुधार की उम्मीद जताई है। कोविड 19 महामारी पर शुरुआती नियंत्रण, अर्थव्यवस्था के चरणबद्ध अनलॉक की प्रक्रिया और सरकार द्वारा हर क्षेत्र में निवेश से अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर आने की उम्मीद जताई जा रही है।