टीम न्यूज़ रिवेटिंग
चीनी सेना के अधिकारी लगभग आठ महीने बाद सैनिकों के परिजनों से मिलने पहुंचे जो भारतीय जवानो के साथ गलवान घाटी में हुआ संघर्ष में मारे गए थे।
जून 2020 में हुई घटना के बाद चीन ने न तो अपने जवानो के मारे जाने की पुष्टि की और न ही संख्या बताया। भारत में हुए सैनिको के सम्मान की बाद अचानक चीन होश में आया और इस बात का खुलासा किया कि संघर्ष में उनके चार सैनिक मारे गए थे। चीन ने बाकायदा उनका सम्मान भी किया।
चीन के अधिकारी अब मृत सैनिको के परिवार के सदस्यों से मिलने भी पहुंचे और आठ महीने बाद उनका हाल चल पूछा।
इस बात की पुष्टि स्वयं सरकारी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कही है। जब चीनी सैन्य अधिकारियों ने मृत सैनिक के परिवार से मिले और उनकी मां से पूछा कि क्या उन्हें दैनिक जीवन में कोई कठिनाई तो नहीं हो रही है तो सैनिक की माँ ने कहा कि “मुझे कोई कठिनाई नहीं है, मैं सिर्फ यह जानना चाहती हूं कि क्या मेरा बेटा लड़ते समय बहादुर था। ”
एक माँ के लिए यह सवाल शायद इसलिए प्रसंगगिक हो गया था क्यूंकि चीन की सरकार को लगभग आठ महीने लग गए अपने सैनको के बारे में बताने और परिजनों से मिलने।
दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार भारत ने जिस तरह अपने शहीदों को सम्मान दिया और चीन की आपत्ति के बावजूद उन्हें सैन्य सम्मान से सम्मानित किया उससे चीन के अंदर लोगो में खास कर सैनिको के परिजनों की बीच आक्रोश है। यही कारण है जून 2020 की घटना के लगभग आठ माह बाद चीन ने अपने सैनिकों की संख्या और नामों का खुलासा किया।
इस मुद्दे से चीन इतना विचलित है कि सरकार के मुखपत्र ने पिछले एक सप्ताह से एक अभियान चला रखा और लोगो को बताने की कोशिश कर रहा है कि चीनी युवाओं ने अपने सैनिको के सम्मान में सोशल मीडिया में बाढ़ लगा दी है। चीन में अचानक आई देशभक्ति को विशेषज्ञों आश्चर्य से देख रहे है क्यूंकि चीन अपने लोगो का आक्रोश शांत करने और अपने घर व्यवस्थित करने में लगा है।