कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल, एकमात्र ऐसे अधिकारी जिन्होंने भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना में अपनी सेवाएं दी हैं, ने जीवन के 100 साल पूरे कर लिए हैं।
कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल परिवार की सहमति के बिना ही अंग्रेजों के राज में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में शामिल हो गए थे। बाद में उन्हें कराची में तैनात पायलट अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया। वह हॉवर्ड एयरक्राफ्ट उड़ाते थे।
वह 1965 की जंग में भी शामिल हुए थे। उस समय वे सेना में गनर के रूप में कार्य कर रहे थे। लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से गिल के बारे में यह जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया में उनकी जवानी की एक फोटो और मौजूदा समय की एक फोटो साझा की है और कैप्शन दिया, ‘कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल- 100 नॉट आउट।’
कर्नल पृथ्वीपाल सिंह गिल का बाद में भारतीय नौसेना में ट्रांसफर किया गया, जहां उन्होंने स्वीपिंग शिप और आईएनएस तीर पर अपनी सेवाएं दीं। वह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मालवाहक पोतों की निगरानी करते थे। नौसेना अधिकारी के तौर पर उप लेफ्टिनेंट पृथ्वीपाल सिंह गिल ने स्कूल ऑफ आर्टिलरी, देवलाली में लॉन्ग गनरी स्टाफ का कोर्स क्वालिफाई किया।
इसके बाद गिल का सेना में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां ग्वालियर माउंटेन बैटरी में उनकी तैनाती हुई। इसके अलावा इन्होंने मणिपुर में असम राइफल्स में भी अपनी सेवा दी।
पृथ्वीपाल सिंह गिल चंडीगढ़ में रह रहे है। सेवानिवृत होने के बाद वे कुछ समय फरीदकोट में पुस्तैनी जमीन पर खेती किसानी भी की।