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रायपुर, दिसंबर 16
कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा और छह साल के बेटे अबीर के अलावा चार असम राइफल्स के जवान की हत्या का दावा करने वाले समूह के पांच आतंकवादियों को म्यांमार ने भारत को सौंप दिया है।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने उन्हें म्यांमार से इम्फाल के लिए एयरलिफ्ट किया। उन्हें एक साल पहले म्यांमार सेना ने ऑपरेशन सनराइज में गिरफ्तार किया था।
13 नवंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में पीएलए और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट द्वारा घात लगाकर किए गए संयुक्त हमले में असम राइफल्स की 46 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा, 6 वर्षीय बेटे अबीर और चार जवान मारे गए थे। पीएलए के बाद में घटना की जिम्मेदारी ली थी।
कर्नल विप्लव त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निवासी थे।
भारत सरकार के कड़े रुख और संभावित एक और सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका के बीच म्यांमार ने पांच आतंकवादियों को भारत को सौंप दिया। अपने आप को वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बताने वाले पांच आतंकियों की पहचान मेजर कोइरेंग, मेजर अंगम, मेजर बैनर, कैप्टन अबी और कैप्टन देवन के रूप में हुई है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि ये पांच आतंकवादी चुराचनपुर घात में शामिल नहीं थे, लेकिन उनका समूह, पीएलए, शामिल था और उसने जिम्मेदारी ली थी। उनसे पूछताछ में हमले के बारे में बाकी जानकारी मिलने की संभावना है।
मणिपुर के पांच उग्रवादियों को म्यांमार से लेकर आया विशेष विमान इम्फाल हवाई अड्डे पर उतरा और पीएलए कैडर के छापामारों को तुरंत एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। बताया गया है कि, “वरिष्ठ अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।”