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कोच्ची, अप्रैल 10
मुवत्तुपुझा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में शुक्रवार को नाटकीय दृश्य तब सामने आया जब अजेश कुमार वी ए का परिवार कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुजलनादन द्वारा ऋण राशि चुकाने के लिए दिए गए 1,35,586 रुपये के चेक को जमा करने पंहुचा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा नियंत्रित बैंक ने पिछले हफ्ते अजेश की दो नाबालिग लड़कियों को कर्ज न चुकाने पर घर से निकाल दिया था जिससे विवाद खड़ा हो गया। जब बैंक ने बेदखली की तब अजेश दिल की बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे।
अजेश ने एक लाख रुपये का कर्ज नहीं चुकाया था। उनकी मां भी अस्पताल में थीं। उनकी चार बेटियों की आयु 4 से 11 वर्ष के बीच है। घटना के समय जुड़वां बेटियां घर पर थीं वही दो अन्य बेटियां एक रिश्तेदार के यहां थीं।
पिछले हफ्ते स्थानीय कांग्रेस विधायक कुझालनादन ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और इलाके में रहने वाले लोगों के साथ बैंक द्वारा लगाई गई सील को तोड़ दिया और बच्चों को घर के अंदर जाने दिया।
विधायक ने अजेश की बकाया ऋण राशि के बारे में पूछताछ की और बकाया पटाने के लिए अपने खाते से चेक दिए। बैंक कर्मचारियों ने इसकी सूचना सीपीएम की श्रमिक संगठन सीटू को दी जिन्होंने तुरंत पैसे का भुगतान कर दिया है और ऋण खाता बंद कर दिया।
जब अजेश कांग्रेस विधायक द्वारा दिए गए चेक को लेकर बैंक पहुंचे तो बैंक ने यह कहते हुए चेक स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उसके कर्मचारियों ने राशि एकत्र कर ली है और खाता बंद कर दिया है जिससे अजेश के परिवार ने विरोध किया।
अजेश के परिवार के अनुसार, जब बेदखली के मुद्दे ने एक बड़ा विवाद खड़ा किया, तो सीटू ने घोषणा की कि वह ऋण चुकाएगा। अजेश के परिवार के सदस्यों ने कहा, “अजेश ने सीटू के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि वह सीपीएम से कोई मदद नहीं चाहते हैं जिसने उनका और उनके परिवार का अपमान किया है।”
उन्होंने सहकारी बैंक के अपने या अपने परिवार से परामर्श किए बिना खाता बंद करने के फैसले पर सवाल उठाया। अजेश के परिवार द्वारा भारी विरोध करने के बाद बैंक ने चेक जमा कर लिया।