ऑस्ट्रेलिया में किये गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड -19 पैदा करने वाला कोरोनावायरस ठंड के मौसम में अधिक समय तक जीवित रह सकता है।
ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर डिजीज के वैज्ञानिकों ने सार्स-कोविड-2 को बेहद मजबूत वायरस बताया है, जो मोबाइल फोन की स्क्रीन पर पाए जाने वाले कांच और बैंकनोट्स पर चार सप्ताह तक जीवित रह सकता है।
वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार 40 डिग्री या उससे अधिक के तापमान में वायरस सिर्फ एक दिन ही जीवित रह सकता है।
इस अध्ययन के निष्कर्ष में ये बात निकल के आई कि कोविड -19 पैदा करने वाला कोरोनावायरस ठंड के मौसम में अधिक समय तक जीवित रह सकता है, जिससे गर्मियों की तुलना में सर्दियों में इसे नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस शोध से महामारी के प्रसार का सही अनुमान लगाने और उसे कम करने में मदद मिल सकेगी।
आज कोरोना का खौफ हर तरफ देखा जा रहा है ,यह वायरस छूने से फैलता है इसलिए इसके प्रभाव कोई भी वस्तु बची नहीं है। अध्ययन में बताया गया है कि यह वायरस बैंकनोट्स, ग्लास और अन्य चिकनी सतहों पर हफ्तों तक जीवित रह सकता है।
कोरोनोवायरस चिकनी सतहों पर लंबे समय तक जीवित रहने की प्रवृत्ति रखते हैं ना कि खुरदुरी सतह पर जैसे कपास और सिल्क के कपड़ो पर । इस वायरस पर पराबैंगनी प्रकाश के अध्ययन के लिये इसका अंधेरे में भी अध्ययन करके देखा गया।इस परीक्षण ने दिखाया है कि प्रत्यक्ष सूर्य का प्रकाश तेजी से इस वायरस को निष्क्रिय करता हैं।