
न्यूज़ रिवेटिंग
भुवनेश्वर, दिसंबर 4
अपने नाम के अनुरूप, चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ शनिवार मध्याह्न तक ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पहुंचने से पहले गहरे दबाव में तब्दील होकर कमजोर पड़ सकता है।
पिछले एक साल में ‘गुलाब’ और ‘यास’ की मार झेल चुके पूर्वी तटीय राज्यों को इससे राहत मिलने की उम्मीद है।
“जवाद” एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है उदार। ऐसे में कहा जा रहा है कि यह तूफान बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होने वाला है। पूर्व में आए चक्रवातों की अपेक्षा इस चक्रवात का असर आम जनजीवन पर उतना नहीं पड़ने वाला है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया, “इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और अगले 12 घंटे में उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है और इसके बाद यह उत्तर की तरफ ओडिशा के तट की तरफ गहरे दबाव के क्षेत्र के रूप में पुरी के पास जा सकता है।”
बुलेटिन में कहा गया कि इसके बाद ‘जवाद’ के और कमजोर होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ ओडिशा से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने के आसार हैं। भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी यू एस दास ने कहा, “यह समुद्र में कमजोर पड़ने के बाद गहरे दबाव के रूप में पुरी के तट से टकरा सकता है।”
अधिकारियो ने बताया कि लोगो को निकाला नहीं जा रहा है क्योंकि अन्य चक्रवातों की तुलना में ‘जवाद’ की हवा की गति धीमी है। मछली पकड़ने की लगभग 22,700 नौका पहले से समुद्र और चिल्का झील से वापस आ चुकी हैं। “
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए 64 टीमें तैनात कर दी है।
ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान जवाद के मद्देनजर राज्य के 19 जिलों में 4 दिसंबर को स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया है।