केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सोमवार 01 फरवरी 2021 को संसद भवन में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में 18.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रक्षा क्षेत्र के बजट आवंटन को बढ़ाकर 4,78,195.62 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा सेवाओं और अन्य संगठनों/विभागों (रक्षा क्षेत्र की पेंशन को छोड़कर) के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3,62,345.62 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 24,792.62 करोड़ रुपये अधिक है।
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचा विकास से संबंधित पूंजीगत व्यय के तहत आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय आवंटन 1,35,060.72 करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 18.75 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 30.62 प्रतिशत अधिक है। पिछले 15 वर्षों के दौरान रक्षा परिव्यवय में यह अब तक की सर्वाधिक वृद्धि है।
परिचालन संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए गैर-वेतन राजस्व के तहत आवंटन को बढ़ाकर 54,624.67 करोड़ रुपये किया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में यह 6 प्रतिशत अधिक है।
डीआरडीओ के लिए पूंजीगत आवंटन को बढ़ाकर 11,375.50 करोड़ रुपये किया गया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 8.5 प्रतिशत अधिक है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए आवंटित बजट को बढ़ाकर 6004.08 करोड़ किया गया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 7.48 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 14.49 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रक्षा बजट को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये करने पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया। 4.78 लाख करोड़ रुपये के इस रक्षा बजट में 1.35 लाख करोड़ रुपये का पूंजागत व्यय शामिल है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह पूंजीगत व्यय करीब 19 प्रतिशत अधिक है। पिछले 15 वर्षों के दौरान पूंजीगत परिव्यय में यह अब तक की सर्वाधिक वृद्धि है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बजट के तहत भारत में आर्थिक सुधारों, रोज़गार सृजन, पूंजी निर्माण और बुनियादी ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि, “सुशासन के 6 स्तंभों के आधारित यह बजट भारत को समावेशी विकास और समृद्धि के एक नए युग में ले जाएगा।”
श्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट्स की एक श्रंखला के अंतर्गत कहा कि, “भारत के किसानों, कृषि, बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के सुदृढ़ीकरण को समर्थन देने के लिए कई नई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा भी की गई है। मुझे खुशी है कि इस बजट में देश के अलग-अलग हिस्सों में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव भी किया गया है।”इन स्कूलों का निर्माण राज्यों, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और निजी संस्थानों की सहभागिता से किया जाएगा।