हाथियों की हत्या के आरोप में रेल इंजन “गिरफ्तार”

जब्त इंजन के साथ असम के वन अधिकारी

आपने किसी अपराधी को तो गिरफ्तार होते जरूर देखा होगा लेकिन किसी रेल इंजन का गिरफ्तार होना अपने आप में एक आश्चर्यजनक वाकया है। असम के वन विभाग ने लुमडिंग रिजर्व फॉरेस्ट में हाथियों को मारने के लिए एक लोकोमोटिव को “गिरफ्तार” किया है।

लुमडिंग रिजर्व फॉरेस्ट के अंदर एक मादा हाथी और उसके बच्चे को एक मालगाड़ी के इंजन ने कुचल दिया था।जिसकी वजह से मंगलवार को इस इंजन को असम के वन अधिकारियों ने जब्त कर लिया।

यह पहली बार है कि वन विभाग द्वारा रेलवे के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है।

जब्ती की इस कार्यवाई के बाद असम के वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ने कहा कि रेलवे पटरियों पर हाथियों की हत्या बंद होनी चाहिए और विभाग को रेलवे के खिलाफ इस मामले में कड़ा रुख अपनाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

मादा हाथी और उसके बच्चे को 27 सितंबर को लुमडिंग के संरक्षित वन क्षेत्र में एक मालगाड़ी के इंजन ने कुचल दिया था। वन विभाग ने इस मामले में रेलवे के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत शिकायत दर्ज की है।

वन विभाग ने इस अधिनियम के तहत इस मामले में एक जांच भी बिठाई और इसका अनुसरण करते हुए वन अधिकारियों की एक टीम मंगलवार को बामुनीमैदान लोको शेड गई और डीजल लोको इंजन (संख्या 12440) को जब्त कर लिया।

आंतरिक जांच के बाद लोको पायलट और उसके सहायक को रेलवे ने पहले ही निलंबित कर दिया है।

यहाँ यह उल्लेख किया जा सकता है कि भारतीय जंगली हाथी वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की प्रविष्टि 12-बी के तहत एक शेड्यूल- I पशु है, जिसकी हत्या करने पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9 के तहत कार्रवाई की जाती है और ऐसे मामलों में धारा 51 के तहत दंड दिया जाता है।

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