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रायपुर, फरवरी 9
कर्नाटक से शुरू हुआ “हिजाब का मुद्दा” देशभर में आग की तरह फैल गया है और अब एक राजनीति रंग ले लिया है।
हिजाब का समर्थन करने पर नोबल विजेता मलाला युसूफजई से लेकर प्रियंका गांधी अब निशाने पर आ गई हैं।
ट्विटर पेज एंटी प्रोपेगंडा फ्रंट ने मलाला के बयान को आड़े हाथ लिया है जिसमे उन्होंने कहा था कि कॉलेज प्रशासन लड़कियो को पढ़ाई और हिजाब के बीच चयन करने दबाव डाल रहा है जो खतरनाक है। ट्विटर में लिखा गया कि मलाला के पाखंड को तोड़ना है। इसके साथ ही मलाल की किताब आई एम मलाला के अंश का हवाला दिया गया इसमें मलाला ने लिखा है कि “बुर्का पहनकर चलना ठीक वैसा है, मानों कपड़े की कोई बड़ी शटलकॉक यानी बैडमिंटन की चिड़िया, जिसमें केवल एक ग्रिल है और गर्मी के दिनों में यह ओवन की तरह है।
प्रियंका गांधी ने इससे पहले ट्वीट में लिखा-चाहे वह बिकिनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब; यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो। इसके बाद वे निशाने पर हैं।
प्रियंका गांधी के ट्वीट पर महिला मुद्दों पर हमेशा मुख रहीं जानी-मानी पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने लिखा-प्रियंका गांधीजी, कोई एक लड़की बताओ, जो बिकिनी, घूंघट या सिर्फ अकेली जींस में स्कूल जाती है! कृपया तथ्यों पर बात करें! मुद्दा स्कूल यूनिफॉर्म का है और कुछ नहीं! भारतीय महिलाओं की पीढ़ियों ने एक प्रतिगामी पर्दा व्यवस्था से छुटकारा पाने के लिए संघर्ष किया है। आप इसे वापस चाहते हैं और भारत को ईरान बनाना चाहते हैं?