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नई दिल्ली, मई 15
अप्रैल में थोक महंगाई -0.92 प्रतिशत दर्ज की गई है जो कि मार्च में 1.34 प्रतिशत थी। जुलाई 2020 के बाद यह पहला मौका है जब थोक महंगाई नकारात्मक स्तर पर पहुंच गई है।
केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल के थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इस दौरान फूड इनफ्लेशन भी घटकर 0.17 फीसदी रही, जोकि मार्च में 2.32 फीसदी रही थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट WPI -0.77 फीसदी घटकर -2.42 फीसदी रही। मासिक आधार पर प्राइमरी आर्टिकल WPI भी घटकर 1.60 फीसदी रही, जोकि मार्च में 2.40 फीसदी रही थी। बता दें कि कोर होलसेल महंगाई दर -0.3 फीसदी से घटकर -1.8 फीसदी हो गई है।
अप्रैल महीने रिटेल महंगाई भी घटी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक CPI रेट 4.7 प्रतिशत रहा, जोकि 18 महीने का निचला स्तर है. बता दें कि मार्च में रिटेल महंगाई दर 5.66 प्रतिशत था. फूड इन्फ्लेशन रेट 3.84 प्रतिशत रहा, जो पिछले महीने 4.79 प्रतिशत था।
थोक महंगाई की दर लगातार कम हो रही है। अप्रैल 2023 लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई की दर में गिरावट आई है। यह फरवरी में 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.73 फीसदी रही थी.।
यह आम लोगों के लिए डबल राहत है, क्योंकि इससे पहले जारी किए गए खुदरा मूल्य आधारित महंगाई के आंकड़ों में भी गिरावट आई थी। अप्रैल महीने के दौरान खुदरा महंगाई की दर मार्च के 5.7 फीसदी की तुलना में कम होकर 4.7 फीसदी पर आ गई थी। यह खुदरा महंगाई का 18 महीने का सबसे कम स्तर है।
वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि अप्रैल महीने के दौरान थोक महंगाई में आई कमी का कारण कई जरूरी चीजों की कीमतों में नरमी है। बेसिक मेटल्स, खाने-पीने के सामानों, मिनरल ऑयल, टेक्सटाइल, नॉन-फूड आर्टिकल्स, केमिकल, रबर, पेपर आदि के भाव तेजी से कम हुए हैं। इसका असर थोक महंगाई के आंकड़ों में दिख रहा है।