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चेन्नई, सितम्बर 25
आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित दो निजी सिंडीकेट फाइनेंसिंग समूहों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान चेन्नई स्थित 35 परिसरों में चलाया गया।
इन फाइनेंसरों तथा उनके सहयोगियों के परिसरों में प्राप्त साक्ष्य से पता चला कि इन समूहों ने तमिलनाडु में विभिन्न बड़े कॉरपोरेट घरानों तथा कंपनियों को ऋण दिया है, जिसका बड़ा हिस्सा नकदी में है। तलाशी के दौरान पता चला कि वे ब्याज की ऊंची दर वसूल रहे हैं। जिसके एक हिस्से पर कर नहीं अदा किया जाता।
समूहों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली से पता चला कि उधारकर्ताओं द्वारा अधिकांश ब्याज भुगतान जाली बैंक खातों में जमा किए जाते हैं और कर प्रयोजनों के लिए उनका खुलासा नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त, बेहिसाबी धन छद्म रूप में होते हैं और समूहों के बही-खाते में उन्हें असुरक्षित ऋण, विभिन्न ऋणदाताओं आदि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
तलाशी के दौरान पाए गए अन्य साक्ष्यों से पता चला कि इन व्यक्तियों द्वारा अनगिनत बेहिसाबी संपत्ति निवेश किया गया है और अन्य आय को छुपाया गया है।
इन तलाशियों का परिणाम अभी तक 300 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी आय के रूप में सामने आया है। अभी तक नौ करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई है। आगे की जांच प्रगति पर है।
एक अन्य कार्यवाही में आयकर विभाग ने कर चोरी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर गुजरात के एक अग्रणी हीरा विनिर्माता और निर्यातक के परिसरों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह समूह हीरे के व्यवसाय के अलावा टाइल्स बनाने के भी कारोबार से भी जुड़ा था। इस अभियान में गुजरात के सूरत, नवसारी, मोरबी, वांकानेर और महाराष्ट्र के मुंबई स्थित 23 परिसरों को शामिल किया गया।
तलाशी अभियान के दौरान, अभी तक 1.95 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं और 10.98 करोड़ रुपए के बराबर के 8,900 कैरेट के बेहिसाबी हीरों के स्टॉक का पता चला है। समूह से संबंधित बड़ी संख्या में लॉकरों की पहचान की गई है, जिन्हें निगरानी में रखा गया है और उचित समय पर उन्हें प्रचालित किया जाएगा।
तलाशी अभियान अभी भी जारी है और आगे की जांच प्रगति पर है।