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श्रीनगर, दिसंबर 20
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नये सिरे से निर्धारित करने के लिए गठित परिसीमन आयोग द्वारा अपने ‘पेपर-1′ में जम्मू क्षेत्र में 6 अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक सीट का प्रस्ताव किया है।
यदि प्रस्ताव मंजूर होता है तो जम्मू क्षेत्र में कुल सीटों की कुल संख्या 43 और कश्मीर क्षेत्र में 47 हो जाएगी।
इसे लेकर आयोग के पांच सहयोगी सदस्यों से सोमवार को विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 9 सीट और अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 7 सीट का प्रस्ताव रखा गया है। जम्मू-कश्मीर में ऐसा पहली बार है, जब एसटी के लिए सीट का प्रस्ताव रखा गया है। आयोग की बैठक में उसके सहयोगी सदस्यों-जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सदस्यों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के लिए चौबीस सीटें खाली रहेंगी। सूत्रों ने कहा कि सहयोगी सदस्यों से 31 दिसंबर तक इन पर अपने सुझाव साझा करने का अनुरोध किया गया है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिशों को खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू क्षेत्र में छह नई सीटों और कश्मीर घाटी में केवल एक का प्रस्ताव रखा गया है।
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने आयोग की सिफारिशों के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद ट्विटर पर लिखा, “परिसीमन आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। वे पूर्वाग्रह का शिकार हैं। लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए यह कितना बड़ा झटका है।”
उमर अब्दुल्ला ने लिखा, “यह बेहद निराशाजनक है कि आयोग ने बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को शामिल किया न की डेटा को। वादा के विपरीत, “वैज्ञानिक दृष्टिकोण” के विपरीत ‘राजनीतिक दृष्टिकोण’ को प्राथमिकता दी गयी है।”