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रांची, अगस्त 27
खनन लीज मामले में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के फैसले और उसके बाद की राजनितिक स्थिति को देख़ते हुए कांग्रेस -झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज रही है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी है। हालांकि राजभवन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अब राज्यपाल इसकी जानकारी चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा।
झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने इसी साल फरवरी में दावा किया था कि हेमंत सोरेन ने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये एक ऐसा मसला है जिसमें हितों के टकराव के साथ भ्रष्टाचार की बात शामिल है। श्री रघुवर ने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने इस मामले में मई महीने में एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे को लेकर उनका पक्ष जानना चाहा था।
सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद संभावित तोड़ फोड़ की चर्चा को देखते हुए विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है।
आज ११ बजे से सीएम आवास में यूपीए विधायकों की बैठक हो रही है। बताया जा रहा है कि विधायक सूटकेस के साथ बैठक में पहुंचे है।
सूत्रों के मुताबिक यूपीए विधायकों को जल्द ही छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जा सकता है।
चर्चा है कि उन्हें सरगुजा ज़िले के हिल स्टेशन मैनपाठ में ठहराया जा रहा है।