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नई दिल्ली, अप्रैल 29
केंद्रीय स्टील मंत्री श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने आज ओडिशा के अंगुल स्थित जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के 6 एमटीपीए (मिलियन टन प्रतिवर्ष) क्षमता वाले एकीकृत स्टील प्लांट में अत्याधुनिक और विशालतम रिबार मिल राष्ट्र को समर्पित किया।
1.4 एमटीपीए क्षमता का यह रिबार मिल 50 मिलीमीटर चौड़ा टीएमटी रिबार उत्पादन करने में सक्षम है। श्री सिंह ने अंगुल में ही स्थित विश्व के पहले कोल गैसीफिकेशन आधारित 2 एमटीपीए क्षमता वाले डीआरआई प्लांट का भी मुआयना किया। क्लीन कोल की अवधारणा को साकार करने वाले कोल गैसीफिकेशन प्लांट ने पर्यावरण संरक्षण में बड़ी सफलता हासिल की है और प्रतिदिन 2000 टन कार्बन डाई-ऑक्साइड को वातावरण में जाने से रोक रहा है।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जेएसपी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए कटिबद्ध है। कंपनी ने राष्ट्र निर्माण के अपने संकल्पों के तहत यह रिबार मिल लगाया है। आने वाले समय में कंपनी ने कारोबार विस्तार की अनेक योजनाएं बनाई हैं। जेएसपी का लक्ष्य अंगुल प्लांट का उत्पादन 2025 तक 15 एमटीपीए करना है।
जेएसपी के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि स्टील मंत्री श्री आरसीपी सिंह के करकमलों से देश के विशालतम रिबार मिल का लोकार्पण आज हुआ है। हमने राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए यहां कोल गैसीफिकेशन आधारित डीआरआई प्लांट लगाया है। हम सरकार के उस संकल्प के साथ हैं, जिसमें 2070 तक भारत को कार्बन न्यूट्रल देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर जेएसपी के प्रबंध निदेशक श्री वी.आर. शर्मा ने कहा कि नए रिबार मिल में हम 50 मिलीमीटर चौड़ा टीएमटी रिबार का उत्पादन कर सकेंगे, जो अपने-आप में अनूठा है। हमारी रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम ने यह सफल प्रयोग किया है, जो आने वाले समय में निर्माण क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। जेएसपी राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए सदैव समर्पित है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जिन्दल स्टील एंड पावर के बारे में
जिन्दल स्टील एंड पावर स्टील, ऊर्जा, खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का अग्रणी उद्योग समूह है। पूरे विश्व में लगभग 12 अरब डॉलर के निवेश वाली यह कंपनी निरंतर अपने कारोबार का विस्तार कर रही है और अपनी क्षमताओं के समुचित उपयोग के लिए प्रयासरत है ताकि आत्मनिर्भर भारत निर्माण का सपना साकार हो सके।