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बेंगलुरु, 2 जून
कर्नाटक के भाजपा मंत्री ने मानवता का अनुकरणीय उदहारण प्रस्तुत किया और पुरे अनुष्ठान के साथ COVID-19 पीड़ितों की अस्थियो का विसर्जन करने आगे आए जिसे लेने कोई नहीं आया।
अस्थियो लावारिस थी और बेंगलुरु के विभिन्न श्मशान घाट में रखी हुई थी क्योंकि परिवार के सदस्य किसी कारणों से इसे ले जाने में असमर्थ थे। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार की अंतिम रस्म अस्थि को विसर्जित करके की जाती है।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोका ने 1,200 COVID-19 पीड़ितों की अस्थियो को कलशों में इकट्ठा करने की पहल की। इससे पहले मंत्री ने परिवारों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनके फोन नंबर उपलब्ध नहीं थे और जो मिले वे क्रिया-कर्म करने की स्थिति में नहीं थे।।
मंत्री ने कहा कि चूंकि विभिन्न कठिनाइयों के कारण बहुत से लोग अस्थि लेने के लिए आगे नहीं आ रहे थे, इसलिए राजस्व विभाग ने रीति-रिवाजों के अनुसार उसे विसर्जित करने का फैसला किया।
अशोका ने पूरे विधि-विधान के साथ अस्थियो की पूजा की और बाद में कावेरी नदी में विसर्जित कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महामारी के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को सम्मानजनक विदाई देना चाहती है।
सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की काफी तारीफ हुई । “गरुड़ पुराण में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार परिजन नहीं करते हैं, तो यह सरकार (राजा) का कर्तव्य है कि वह आत्मा को ससम्मान मुक्ति दे। धर्म को बनाए रखने के लिए आप सभी का धन्यवाद,” एक ने टिप्पणी की।
वास्तव में, कर्नाटक के भाजपा मंत्री ने राजधर्म निभाया।