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कोलकाता, 1 अक्टूबर
पश्चिम बंगाल के रायगंज से भाजपा विधायक कृष्णा कल्याणी ने शुक्रवार को पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए।
कल्याणी के सत्ता दल में आने के साथ ही राज्य विधानसभा में भाजपा से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले दलबदलुओं की संख्या पांच हो गई हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सत्ताधारी और विपक्षी दल बंगाल में दलबदल विरोधी कानून को लागू करने को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।
कल्याणी भाजपा में अन्य “आयातित” नेताओं में से एक हैं, जिन्हें दल बदलने के लिए जाना जाता है।
दिवंगत पीसीसी अध्यक्ष सोमेन मित्रा के करीबी कांग्रेस के एक पूर्व नेता के बेटे, कल्याणी उत्तर दिनाजपुर से भाजपा के टिकट पर चुने गए दो विधायकों में शामिल थे। दोनों अब टीएमसी में शामिल हो गए हैं।
भाजपा की राज्य इकाई ने जिला नेतृत्व और रायगंज की सांसद देबाश्री चौधरी पर लगातार हमले करने के लिए कल्याणी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कल्याणी के पद छोड़ने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “पार्टी का आंतरिक अनुशासन है। वह किसी नियम का पालन नहीं करते थे। कभी जिला नेतृत्व के खिलाफ बोलते थे तो कभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (जो अभी तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे) के खिलाफ बयान देते थे। उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जवाब देने के बजाय, वह पार्टी से भाग गए हैं।”
अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मुकुल रॉय को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। मामले की सुनवाई सात अक्टूबर को होगी।