मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को शनिवार को पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के लिए आर्थिक सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई हमले के मामले में लखवी को 2014 में गिरफ्तार किया गया था और 2015 में वे जमानत पर रिहा हो गए। लखवी को पंजाब प्रांत के आतंकवाद-रोधी विभाग ( सी टी डी) ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, सी टी डी ने उनकी गिरफ्तारी के स्थान का खुलासा नहीं किया है।
लखवी को पहली बार संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने फरवरी 2009 में मुंबई हमले के आरोप में गिरफ्तार किए था। मुंबई हमले के एकमात्र जीवित हमलावर और पाकिस्तानी नागरिक अजमल कसाब के इकबालिया बयान के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था। उस पर उन्हें प्रशिक्षण देने और 10 आतंकवादियों को निर्देश देने का आरोप लगाया गया था, जिन्होंने 26 से 28 नवंबर, 2008 के बीच मुंबई हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
उसे अदियाला जेल में हिरासत में रखा गया था। अप्रैल 2009 में, जकीउर रहमान लखवी को जमानत दी गई और जेल से रिहा कर दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया ने आतंकवादियों की रिहाई के लिए कानूनी व्यवस्था में खामियों को जिम्मेदार ठहराया इसके बाद से ही वहाँ की सरकार पर उसकी जमानत रद्द करने का दबाव था।
हालांकि पाकिस्तानी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार तो कर लिया है पर उन्हें जेल में उन्हें सारी शानदार सुख सुविधा दे जाती है। मार्च 2015 में, बीबीसी उर्दू ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया कि जकीउर रहमान लखवी अदियाला जेल में बंदी रहते हुए आराम की ज़िंदगी जीता है और जेल प्रशासन उनके विलासिता रहन सहन में कोई कमी नहीं करता।
जेल अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वह [लखवी] किसी भी दिन, रात या दिन में सात दिन, किसी भी समय किसी से भी मिल सकता था। अपने जेलखाने के अंदर, लखवी को टेलीविजन, मोबाइल फोन और इंटरनेट के उपयोग का आनंद मिलता है। इसके अलावा, उससे मिलने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी जेल अधिकारी को अपनी पहचान बताना आवश्यक नही है।